इंदौर: कंप्यूटर बाबा को पतली गाड़ी देने वाले हिस्ट्रीशीटर के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
इंदौर: कंप्यूटर बाबा को पतली गाड़ी देने वाले हिस्ट्रीशीटर के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर

विवादास्पद धार्मिक नेता कंप्यूटर बाबा को चोट चार पहिया गाड़ी मुहैया कराने वाले हिस्ट्रीशीटर का एक और अवैध निर्माण स्थानीय प्रशासन ने बुधवार को ढहा दिया। इंदौर नगर निगम के भवन निरीक्षक नागेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर रमेश तोमर ने अपनी पत्नी के नाम पर इदरीस नगर में लगभग 2,500 वर्ग फुट पर अवैध रूप से दो मंजिला मकान बना रखे थे। हमने इस मकान को ढहा दिया है।

उन्होंने बताया कि मूसाखेड़ी क्षेत्र में तोमर के कुल 15,000 वर्ग फुट में फैले अन्य अवैध निर्माण और अतिक्रमण 17 नवंबर को हटाए गए हैं। इनमें चार पक्के निर्माण और दो खाली भूखंड शामिल हैं। भदौरिया ने बताया कि तोमर ने बगीचे की सरकारी जमीन पर भी अवैध कब्जा कर रखा था। हम इसे भी हटा चुके हैं।

आठ नवंबर को कंप्यूटर बाबा के अवैध आश्रम को भी ढहाया गया था

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प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में आठ नवंबर को नामदेव दास त्यागी (कंप्यूटर बाबा का असली नाम) के अवैध आश्रम को ढहाया गया था। तब तक वहां से एक एसयूवी बच की गई थी।

उन्होंने बताया कि त्यागी इस तंत्रिका गाड़ी का इस्तेमाल करते थे। हालांकि, यह गाड़ी परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर रमेश तोमर के नाम पर दर्ज है। तोमर के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जबरिया वसूली, मारपीट और अन्य आरोपों में कुल 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

आश्रम ढहाए जाने के बाद कंप्यूटर बाबा को भेजा गया था जेल
अधिकारियों ने बताया कि आश्रम ढहाए जाने के दौरान कंप्यूटर बाबा को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिए की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत केंद्रीय जेल भेज दिया गया था।

उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई के बाद कंप्यूटर बाबा के खिलाफ शहर के दो पुलिस थानों में तीन आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए थे। ये मामला अलग-अलग लोगों से गाली-गलौज और मारपीट करते हुए उन्हें हथियार मैच धमकाए जाने के आरोपों में शामिल किया गया है। इन मामलों में जमानत अर्जियां मंजूर होने के बाद कंप्यूटर बाबा को 19 नवंबर को केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया था।

गौरतलब है कि कंप्यूटर बाबा को प्रदेश की भाजपा और कांग्रेस की पिछली सरकारों में अलग-अलग निकायों में शामिल करते हुए राज्य मंत्री के मार्गदर्शन से नवाजा था। ये निकाय नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों की हिफजत के साथ ही जल संरक्षण और स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता फैलाने के लिए गठित किए गए थे।

 

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