उन्नाव : उप्र के उन्नाव में आर्थिक तंगी के चलते पिता पूरी फीस नहीं भर सका तो 10वीं में पढ़ने वाली उसकी बेटी को स्कूल ने बेइज्जत कर भगा दिया।
एग्जाम शीट के लिए छात्रा मिन्नतें करती रही, मगर प्रधानाचार्य ने एक नहीं सुनी। आहत छात्रा रोते हुए घर पहुंची और बेहोश हो गई। देखते देखते उसने दम तोड़ दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर मिलने की पुष्टि हुई। पिता की तहरीर पर कोतवाली में प्रधानाचार्य पर आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। सदर कोतवाली क्षेत्र के आदर्श नगर निवासी सुशील कुमार अवस्थी हिरननगर स्थित एक तंबाकू फैक्ट्री में काम करते हैं।
उन्होंने तहरीर में बताया, उनकी इकलौती संतान स्मृति एबी नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में कक्षा 10 की छात्रा थी। आर्थिक तंगी की वजह वह उसकी फीस नहीं जमा कर सके थे। बुधवार को उसकी त्रैमासिक परीक्षा शुरू हुई तो वह एग्जाम शीट लेने गई।
वहां प्रधानाचार्य ने उसे पांच माह की बकाया फीस जमा करने की बात कही। उसने यह बात घर में बताई तो मां रेनू ने दो हजार रुपये जमा कर दिए और बाकी के दो हजार पति का वेतन मिलने पर सात तारीख को जमा करने को कहा।
बेटी गुरुवार को दोबारा गई, तो उसे स्कूल से भगा दिया गया। वह सबके सामने बेइज्जत होने से काफी आहत हुई और रोते हुए घर पहुंची और गिरकर बेहोश हो गई। आनन-फानन उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
छात्रा के चाचा महेश के मुताबिक, भाई सुशील पांच हजार रुपये माह पगार पाते हैं और 1500 रुपये के किराए के मकान में रहते हैं। पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान फैक्ट्री बंद हुई, उसके बाद से वह आर्थिक संकट में घिरते चले गए। आमदनी कम, देनदारियां ज्यादा होती गई। स्कूल की फीस हर माह 800 रुपये है।
किसी तरह पिछला बकाया जमा किया, इधर पांच माह की फीस बाकी थी। कोतवाल अनिल सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। विद्यालय के प्रधानाचार्य सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि छात्रा से कोई गलत बात नहीं की। स्कूल में कैमरे लगे हैं, कभी भी जांच कराई जा सकती है।