करनाल : आखिरकार करनाल में जिला सचिवालय के सम्मुख पांच दिन से चल रहा आंदोलनकारियों का धरना खत्म हो गया। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों के बीच आकर यह एलान किया।
इससे पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हुई वार्ता के आधार पर दो प्रमुख मांगों को लेकर द्विपक्षीय सहमति बनी।
तय हुआ कि 28 अगस्त को बसताड़ा लाठीचार्ज के समय करनाल के एसडीएम रहे आयुष सिन्हा से जुड़े मामले की जांच हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज करेंगे। एक महीने की अवधि में होने वाली जांच के दौरान आइएएस सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे।
वहीं, दिवंगत आंदोलनकारी सुशील काजल के परिवार के दो लोगों को डीसी रेट पर एक सप्ताह में नौकरी दी जाएगी। इसकी पुष्टि एसीएस देवेंद्र सिंह ने की है। इसके बाद किसानों ने तंबू हटा लिए और शाम तक धरनास्थल खाली हो गया। शनिवार सुबह से ही जिला सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हाल में गहमागहमी बढ़ गई।
आंदोलनकारी नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी और अन्य नेताओं ने जाट भवन पहुंचकर प्रशासन के साथ मांगों पर बनी सहमति के बिंदुओं को लेकर विचार-विमर्श किया। करीब 11 बजे किसान नेता जिला सचिवालय पहुंचे। यहां अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चढ़ूनी कांफ्रेंस हाल में मीडिया के सामने आए।
एसीएस देवेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात तक करीब सवा चार घंटे तक सौहार्दपूर्ण व सकारात्मक माहौल में चली द्विपक्षीय वार्ता में तकरीबन सभी मांगों पर सहमति बनी। चढ़ूनी ने कहा कि दिवंगत आंदोलनकारी सुशील काजल के स्वजन के कष्ट की भरपाई संभव नहीं है। हमने सरकार से मांग की थी कि परिवार के दो लोगों को नौकरी पर रखा जाए।
यह सेंक्शन पोस्ट होगी और एक सप्ताह में नौकरी दे दी जाएगी। इसी तरह करनाल के एसडीएम रहे आयुष सिन्हा पर एफआइआर की मांग भी हमने की थी, जिस पर विधिक राय ली गई।
इस आधार पर सहमति बनी कि यदि प्रशासन यह एफआइआर करता है तो उसे आगे चलकर रद करने के आसार बने रहते हैं।
लेकिन हाई कोर्ट के जज जांच करते हैं तो उससे जांच प्रभावित होने की आशंका नहीं रहती। यह मांग भी सरकार ने मान ली है। हालांकि मुआवजे को लेकर किसी ने स्थिति स्पष्ट नहीं की।