हरिद्वार : कांवड़ मेला प्रतिबंधित होने के बावजूद ट्रेन से हरिद्वार पहुंचे 325 कांवड़ यात्रियों को जीआरपी ने हरकी पैड़ी जाने से रोक दिया। उन्हें रेलवे स्टेशन से शटल बसों में बैठाकर वापस भेज दिया गया।
अधिकांश यात्री हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली निवासी थे। उन्हें जिले की सीमा से बाहर छोड़ा गया है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर कांवड़ मेले पर प्रतिबंध लगाया गया है।
कांवड़ यात्रियों को रोकने के लिए बार्डर पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। जबकि जीआरपी की टीमें रुड़की, लक्सर, ज्वालापुर और हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की चेकिंग कर रही हैं।
सोमवार को हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थानाध्यक्ष अनुज सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने मसूरी, बाड़मेर, अमृतसर, हावड़ा एक्सप्रेस में चेकिंग कर यात्रियों से पूछताछ की। इनमें 325 कांवड़ यात्रियों को जीआरपी ने पहचाना।
सभी को हरकी पैड़ी जाने से रोकते हुए रेलवे स्टेशन परिसर से ही शटल बसों में बैठाकर जनपद की सीमाओं से बाहर भेज दिया गया। सावन के पहले सोमवार को बार्डर से तीन हजार यात्री लौटाए : सावन के पहले सोमवार को बार्डर से तीन हजार से अधिक यात्री वापस भेजे गए।
कई जगह यात्रियों और पुलिस में नोकझोंक भी हुई। वहीं, पुलिस अधिकारी भी बार्डर पर पल-पल सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। सावन के पहले सोमवार को लेकर बार्डर पर पुलिस अधिक मुस्तैद दिखी।
पुलिस ने उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा और पंजाब से आने वाले यात्रियों के वाहन भी रोके। पुलिस ने यात्रियों की कोविड जांच रिपोर्ट देखने के बाद ही बार्डर से अंदर आने दिया।