कानपुर : पिछले साल दीपावली की रात अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या करने वाले नरपिशाचों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है। आरोपितों अंकुल व वीरन ने जमानत की अर्जी दायर की थी, जबकि परशुराम और उसकी पत्नी ने जमानत की अर्जी नहीं दी है।
शासन की अनुमति के बाद शनिवार को अंकुल व वीरन के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद जेल में नोटिस तामील करा दी गई। घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी सात वर्षीय बच्ची की हत्या कर दी गई थी।
दूसरे दिन उसका क्षत- विक्षत शव गांव के बाहर एक खेत से बरामद हुआ था। बच्ची का गला काटने के बाद पेट फाड़कर फेफड़ा, लिवर और दिल निकाल लिया गया था। शव को कुत्तों द्वारा नोचे जाने के निशान भी मिले थे।
बच्ची के हाथ पैर में लाल रंग लगा मिला था, जिसके बाद तत्र-मंत्र में हत्या किए जाने की आशंका थी। दो दिन बाद पुलिस ने जब मामले का पर्दाफाश किया तो खौफनाक घटनाक्रम सुनकर सभी के पांव तले जमीन खिसक गई थी। संतान की चाहत में रोटी में रखकर खाया था बच्ची का कलेजा मामले में पुलिस ने गांव के ही नि:संतान परशुराम को गिरफ्तार किया था।
परशुराम ने किसी तंत्र-मंत्र की किताब में पढ़ा था कि बच्ची का कलेज खाने से उसकी पत्नी को बच्चा पैदा हो सकता है। इस पर उसने अपने भतीजे अंकुल को पांच सौ और उसके साथी वीरन कुरील को एक हजार रुपये देकर तैयार किया था। घटना की शाम करीब छह बजे अंकुल उर्फ हुला पटाखा दिलाने के बहाने बच्ची को घर से लेकर आया था।
बच्ची का अपहरण करने के बाद दोनों ने शराब पी और उसके साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। इसके बाद चाकू से पेट काटकर दिल निकाल कर परशुराम को जाकर दिया। परशुराम और उसकी पत्नी सुनैना ने रोटी में दिल रखकर खाया था।