पुणे : भाजपा कार्यकर्ता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मंदिर बनाए जाने के कुछ दिनों बाद वहां से पीएम की प्रतिमा हटा ली गई है। मंदिर का निर्माण करने वाले मयूर मुंडे यह बताने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके कि आखिर किस कारण उन्होंने प्रतिमा हटाई है। इस बीच कुछ राकांपा कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के औंध इलाके में स्थित मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया।
राकांपा की शहर इकाई के अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने व्यंग्य करते हुए कहा, ‘शहर में उम्मीद पैदा हुई (मोदी के मंदिर का निर्माण होने बाद) कि अब ईधन के दाम में कमी आएगी, महंगाई कम होगी और लेागों को उनके खाते में 15 लाख रुपये मिलेंगे। हालांकि हम यहां आए और देखा कि मंदिर से ‘भगवान’ गायब हैं।’
उन्होंने कहा कि ऐसे मंदिर का निर्माण ‘बौद्धिक दिवालियापन’ का प्रतीक है। 37 वर्षीय मुंडे ने कहा था कि यह मंदिर उस प्रधानमंत्री के लिए सम्मान है जो ‘अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने अनगिनत विकास कार्य कराए और अनुच्छेद 370, राम मंदिर निर्माण एवं एक साथ तीन तलाक जैसे मुद्दे का सफलतापूर्वक समाधान कर दिया।