कृषि कानूनों को लेकर 18 वे दिन भी प्रदर्शन जारी है। BHU के छात्रों ने जॉइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले सिंह द्वार पर मंगलवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों के बढ़ते रुख को देखते हुए कई थानों की फोर्स को लगा दिया गया है। छात्रों ने सात सूत्रीय मांग के साथ धरना शुरू किया है। एनएसयूआई के छात्रों ने भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है
केंद्रीय मंडी को मोदी सरकार बढ़ावा दे रही है
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष ऋषभ पांडेय ने बताया कि सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शन को जगह नहीं बचा है। सरकार जयपुर, पंजाब, हरियाणा, यूपी सहित अन्य प्रदेशों के किसानों को आने से रोक रही है। सरकार अडानी-अंबानी को कृषि क्षेत्र में लाभ देने के लिए कानून लाई है। गेंहूू धान के साथ सब्जी फल का भी न्यूनतम खरीद मूल्य तय हो। कृषि को कोआपरेटिव मॉडल से जोड़ा जाए।
समाजसेवी प्रवीण का अनोखा समर्थन।
मौन सत्याग्रह करने वाले समाजसेवी उरा गंगा में
समाजसेवी प्रवीण अस्सी घाट पर किसानों के समर्थन में अकेले ही गंगा में खड़े होकर सत्याग्रह कर रही है। प्रवीण का मानना है कि लोग अकेले घरों से आंदोलन शुरू करेंगे तभी सरकार बैकफुट पर जाएगी। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता शास्त्री घाट पर रोटी पर किसान बिल वापस लो लिखकर प्रदर्शन कर रहे हैं।