कोरोना संक्रमण नियंत्रण में विश्वविद्यालय सहयोग करें – राज्यपाल आनंदीबेन

भोपाल. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण नियंत्रण में विश्वविद्यालय सहयोग करें, जिन नगरीय क्षेत्रों में संक्रमण का प्रभाव अधिक है, उन क्षेत्रों में आवासीय, मोहल्ला और वार्ड समितियों के पदाधिकारियों और सदस्यों को जनता कर्फ्यू के लिए प्रेरित किया जाए। इस कार्य में विश्वविद्यालयों द्वारा समन्वय के प्रयास किए जाएं। विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी जन जागृति और जनता कर्फ्यू के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं में सहयोग दें। इससे कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के प्रयास प्रभावी होंगे। उन्होंने कोरोना गाइड लाइन का जिम्मेदारी से पालन करने के लिए विश्वविद्यालयों के स्टाफ और विद्यार्थियों को संकल्पित कराने की जरूरत भी बताई। राज्यपाल पटेल आज लखनऊ राजभवन से प्रदेश के 21 शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो क्रॉन्फ्रेंस कर रहीं थीं।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि जनता कर्फ्यू के दौरान रहवासियों को बाहर नहीं जाना पड़े। इस कार्य में युवाओं द्वारा सहयोग किया जा सकता है। विश्वविद्यालय युवाओं का दल गठित करें, जो रहवासियों के साथ दूरभाष पर सम्पर्क में रहें और उनके लिए आवश्यक वस्तुओं और अन्य सामग्री दुकानों से लाकर प्रदान करें। इससे रहवासी घर पर रहेंगे। दुकानों पर भीड़ में कमी आएगी। सामाजिक दूरी की व्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समाज सेवी कार्यों, वैक्सीनेशन के लिए जन जागृति एवं जन सहयोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित किया जा सकता है। विश्वविद्यालय इस दिशा में नवाचारी सोच के साथ प्रयास करें।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार वैक्सीनेशन के कार्य को तेजी से करने में भी विश्वविद्यालय और उनके छात्र सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में वैक्सीनेशन की एक-एक डोज महत्वपूर्ण है। चूँकि एक वैक्सीन में 10 व्यक्तियों की डोज होती है। इसलिए यह जरूरी है कि वैक्सीनेशन के लिए प्रेरक यह ध्यान रखें कि सेंटर पर 10 के गुणित में ही पात्र व्यक्तियों को ले जाया जाए। इस संबंध में विश्वविद्यालय आईटी सेल के माध्यम से जन जागृति के प्रयासों को तेज किया जाए। विश्वविद्यालय गोद लिए गांवों में शत-प्रतिशत टीककरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर सभी छात्र मास्क और सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन करें। दूसरों को भी पालन के लिए प्रेरित करें। श्रीमती पटेल ने बताया किकोरोना के लक्षण बदल रहे हैं। प्रत्यक्ष रूप से लक्षण नहीं होने पर भी व्यक्ति कोविड संक्रमण से प्रभावित हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति मास्क पहने और सामाजिक दूरी का पालन करे। कोरोना गाइड लाइन का जिम्मेदारी के साथ पालन ही कोरोना पर सफलता का आधार है। उन्होंने कहा कि इम्यूनिटी को बढ़ाने में योग की प्रभावी भूमिका है। विश्वविद्यालय योग केन्द्रों का विस्तार करें। उन्होंने कहा किऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन का कार्य भी प्रभावी तरीके से संचालित किया जाए। परीक्षा तिथि के संबंध में असमंजस की स्थिति नहीं रहे। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय परीक्षाओं की संभावित तिथियों को अभी से निश्चित कर लें। इससे परीक्षाओं के संबंध में पालकों और विद्यार्थियों को निश्चिंतता आएगी। परीक्षाओं की तैयारी एकाग्रता के साथ कर सकेगें।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कोरोना संकट का सामना सब को मिलकर करना है। सबके साथ और सहयोग से कोरोना पर सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि संकट का सामना कौशल और रणनीति बना कर किया जाए। यह भी देखा जाए कि संक्रमण से बचाव के प्रयासों से छात्रों के भविष्य में बाधाएं उत्पन्न नहीं हों। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठयक्रमों की परीक्षाएं जिनके बाद विद्यार्थियों को अखिल भारतीय परीक्षाओं में सम्मिलित होने की पात्रता होती है, ऐसी परीक्षाओं के संबंध में अन्य राज्यों के निर्णयों और छात्रों की परिस्थितियों को भी ध्यान में रख कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों को ग्रामीण अंचल में वैक्सीनेशन और जन जागृति के प्रयासों में सक्रियता के साथ सहयोग के लिए प्रेरित किया।

बैठक के अंत में राज्यपाल के अपर सचिव श्री आर.के. कौल ने राज्यपाल को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का प्रभावी पालन किया जाएगा। इस अवसर पर समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के द्वारा कोविड वैक्सीनेशन और जन जागृति के प्रयासों की जानकारी दी गई।

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