चुनाव बाद हिंसा मामले में CBI ने रामपुरहाट अदालत में दायर की पहली चार्जशीट, BJP कार्यकर्ता की हुई थी हत्या

कोलकाता : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने बंगाल के बीरभूम जिले में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के एक मामले में गुरुवार को आरोप-पत्र दाखिल कर दिया। कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा जघन्य अपराधों की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने के बाद यह पहला आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।

सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव के बाद बीरभूम के नलहाटी में भाजपा कार्यकर्ता मनोज जायसवाल की हत्या के मामले में सीबीआइ ने दो आरोपितों मोइनुद्दीन शेख और इमरान शेख के खिलाफ रामपुरहाट अनुमंडल अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया है।

दोनों आरोपित तृणमूल कांग्रेस के समर्थक बताए गए हैं। इसके अलावा सीबीआइ के वकील ने दोनों को हिरासत में रखने और मुकदमा चलाने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपितों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। इसके अलावा गुरुवार की सुबह सीबीआइ की एक टीम प्रेसिडेंसी जेल पहुंची और भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में गिरफ्तार पांच आरोपितों के साथ पूछताछ की।

सीबीआइ अधिकारियों ने दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर थाने के अधिकारी सुजय दास को सीजीओ काम्प्लेक्स में तलब किया और उनसे भी पूछताछ की। गौरतलब है कि सुजय दास सोनारपुर में एक भाजपा नेता की हत्या के मामले में जांच अधिकारी हैं। सीबीआइ ने दर्ज कीं तीन और प्राथमिकी सीबीआइ ने चुनाव बाद हिंसा के मामले में गुरुवार को तीन और प्राथमिकी दर्ज की हैं। इसके साथ ही सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकियों की संख्या 34 हो गई है। गुरुवार को सीबीआइ ने नदिया में एक और उत्तर 24 परगना में दो मामलों में प्राथमिकी दर्ज की हैं।

वहीं दूसरी ओर सीबीआइ की टीम चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच के लिए कई स्थानों पर गई। अधिकारियों ने हिंसा पीड़ितों तथा उनके स्वजन से बातचीत कर जानकारी इकट्ठा की। इसके अलावा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नंदीग्राम में हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता देवव्रत माइती के घर पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

आखिर बंगाल सरकार ने गठित की एसआइटी विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर ममता बनर्जी सरकार ने आखिरकार गुरुवार को विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। जांच के लिए सूबे को कुल पांच जोन में विभाजित किया गया है और मदद के लिए आइपीएस स्तर के 10 अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter