जबलपुर. शहर मेंबंदुआ की मौजूदगी जब तब दिखती रहती है। रविवार शाम को टर्मिनल जाने वाली डुमना रोड पर रंगतोला के पाससंदुआ का पूरा परिवार दिखा रहा है। नर-मादा के साथ दो शावकों को लोगों ने सड़क पार करते हुए देखा। वन विभाग के मुताबिक ईडीके (एक्सप्लोसिव डिपो खमारिया) में तेंदुआ का आवास है। शावकों के कारण नर व मादाबंधुआ बाहर निकले हैं। वन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है। बताया कि तेंदुआ या उनके शावकों को छेड़े नहीं।
शावकों की उम्र आठ से नौ महीने ईडीके
शहर से लगभग 15 किमी दूर डुमना रोड पर रविवार शाम छह बजे के लगभग सड़क पार करते हुए नर-मादा और उनके कुछ शावकों को लोगों ने देखा। वन विभाग ने बताया कि जबलपुर में डुमना, गंधेरी, कपासटोला में लगभग एक साल से तेंदुआ श्रृंखला की आवाजाही बनी हुई है। नरंदनुआ की उम्र लगभग 5 वर्ष, मादा की उम्र 4 वर्ष है। उनके दोनों शावकों की उम्र 8-9 महीने होगी। इस क्षेत्र में हिंसक वन्यजीव की मौजूदगी के बावजूद अभी तक किसी पर हमला करने जैसी घटना सामने नहीं आई है। पालतू जानवरों को जंगल की ओर से नॉय
पहली बार एक साथ दिखे चार तेंदुए
संतोषटोला निवासी अशोक यादव, मोनू यादव, संतोष बर्मन ने बताया कि ईडीके से बाहर निकंदुआ का परिवार डुमना के आस-पास घूम रहा है। कई दिनों बाद एक साथ चार तेंदुआ दिखा। गंधेरी व सोयाटोला के लोग कुत्तों के भौंकने पर भी दहशत में आ रहे हैं। दंडुआ की दहशत के चलते रोड पर रात की आवाज़जही बंद हो गई है।
शावकों के बड़े होते ही चले गए जंगल
डिप्टी रेंजर महेश मिश्रा ने बताया कि गर्भवती होने के बाद से ही मडंदुआ घना जंगल को छोड़कर नरसंदुआ के साथ सुरक्षित क्षेत्र में आई थी। यहां शावकों को जन्म दिया गया। अब शर्क बड़े हो रहे हैं। कुछ ही दिन में वे यहां से खुद ही जंगल की ओर चले जाएंगे। वह लोगों से अपील की है कि भंडुआ दिखने पर उन्हें छेड़ने की जुर्रत न करें, अन्यथा वे सहयोगी हो सकते हैं।