जम्मू : ड्रोन हमलों से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर तैयार हो गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने इसक पक्की तैयारी कर ली है।
इसी क्रम में जम्मू स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगा दिया गया है। यह सिस्टम ड्रोन की रेडियो फ्रिक्वेंसी को जाम कर देता है।
इस बीच, एयरफोर्स स्टेशन के पास बुधवार की रात को एक ड्रोन को मार गिराने का दावा किया गया है। बताया जाता है कि इसे एंटी ड्रोन सिस्टम से ही गिराया गया है। अलबत्ता, इसकी आधिकारिक तौर पुष्टि नहीं हुई है। इसके अलावा जम्मू जिले के अखनूर में सीमा के पास पाकिस्तानी ड्रोन देखा गया, जिसे सेना के जवानों ने फायरिंग कर पाकिस्तान की ओर भगा दिया।
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर 27 जून को तड़के दो ड्रोन हमले हुए थे। ढाई किलो आरडीएक्स के दो बमों से एयरफोर्स स्टेशन पर हमला किया गया था। इसमें दो सुरक्षाकर्मी जख्मी भी हुए थे। इस घटना के बाद जम्मू शहर में सैन्य शिविरों समेत अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन मंडराने के कई मामले सामने आए।
गत 13 जुलाई की रात में जम्मू जिले के अरनिया में पाकिस्तानी ड्रोन ने घुसपैठ की थी, जिसे बीएसएफ के जवानों ने गोलियां बरसाकर भगा दिया था। अब अखनूर सेक्टर के प्लांवाला में पंजतूत इलाके में बुधवार रात करीब नौ बजे पाकिस्तानी ड्रोन ने घुसपैठ की।
सेना की जाट रेजिमेंट के जवानों ने इस पर फायरिंग की, जिसके बाद यह पाकिस्तान लौट गया। यह हेक्साकाप्टर था। सेना, वायुसेना व सुरक्षाबल इस समय ड्रोन की चुनौती का सामना करने के लिए हाई अलर्ट पर हैं।
इन घटनाओं के बाद पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने पक्की तैयारी कर ली है। इसी कड़ी में जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगा दिया गया है।
ड्रोन हमले साजिश बढ़ी, सुरक्षाबल सचेत : स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में ड्रोन गतिविधियां अधिक बढ़ गई हैं। हालांकि, खुफिया एजेंसियों ने पहले ही सुरक्षाबलों को सचेत कर दिया है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकी संगठनों के साथ मिलकर ड्रोन हमले की साजिश रची है।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को जम्मू आते ही जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले से निपटने की तैयारियों को जांचा था। गुरुवार को भी उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की है।
गुलाम कश्मीर में ड्रोन हमलों का प्रशिक्षण : सूत्रों के अनुसार, गुलाम कश्मीर में पाकिस्तानी सेना व उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की मदद से 28 से अधिक आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं।
इनमें आतंकियों को ड्रोन उड़ानें व उनके जरिये हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमला इसी का हिस्सा था। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि आतंकियों ने स्वतंत्रता दिवस पर ड्रोन की मदद से ही बड़े हमले की साजिश रची है।