दीपावली पर्व आज, विशेष मुर्हूत में होगा महालक्ष्मी पूजन

दतिया.धनतेरस पर्व को लेकर शुक्रवार को भी बाजार में खूब चहल-पहल रही । लोगों ने जोरदार खरीदारी की। इसके अलावा सभी ने धन के देवता कुबेर का विधि विधान से पूजन अर्चन किया। आयुष विभाग में भी भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना की गई। शनिवार को दीपावली पर्व पर सनातन धर्मावलंबी दीपावली पर्व मनाएंगे और शुभ महामुहूर्त में धन की देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना करेंगे।

शुक्रवार के दिन धनतेरस पर्व होने पर बड़ा बाजार, टाउन हॉल, किला चौक की दुकानों पर भारी भीड़ रही। किसी ने इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदा तो किसी ने बर्तन । कई जगह सर्राफा में चांदी के सिक्के लोगों ने खरीद कर मुहूर्त में खरीदारी की। इसके अलावा सर्राफा बाजार में चांदी के सिक्कों की बिक्री भी जमकर हुई। सर्राफा व्यवसाई अनिल सोनी के अनुसार सोने की तुलना में धनतेरस पर चांदी का बाजार ज्यादा चला। कार्तिक अमावस्या के पूर्व ज्योतिषियों के अनुसार चांदी खरीदारी शुभ बताई गई थी। इस कारण ही है सर्राफा में चांदी की बिक्री खूब हुई। इनमें चांदी के जेवर, बर्तन के अलावा सिक्कों की बिक्री सर्वाधिक हुई है।             ऑटोमोबाइल सेक्टर में जहां दुपहिया वाहनों की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं जिले में किसानों ने ट्रैक्टर भी खरीदे हैं। वहीं दीपावली के बारे में पंडित उमेश शर्मा ने बताया कि स्थिर और शुभ लग्न में महालक्ष्मी का पूजन करना विशेष फलदाई रहता है। पांच दिवसीय पर्व के दौरान गोवर्धन एवं भाईदोज पूजा भी ुमुर्हूत के मुताबिक करने से श्रेष्ठ फल मिलता है।

 

यह रहेंगे मुर्हूत-

 

लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त-

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शुभ – प्रातः 8:4 से 9:26 बजे तक।

लाभ – दोप. 1:34 से 2:56 बजे तक।

अमृत – दोप. 2:56 से 4:19बजे तक।

लाभ – शाम 5:41 से 7:19 बजे तक।

शुभ – रात 8:56 से 10:34 बजे तक।

अमृत- रात 10:34 से 12:12 बजे तक।

 

लक्ष्मी पूजन के लिए स्थिर लग्न मुहूर्त

प्रातः 7:6 से 9:26 बजे तक।

दोप.1:14 से 2:58 बजे तक।

शाम 5:50 से 7:44 बजे तक।

रात 12:20 से 2:34 बजे तक।

 

गोवर्धन-पूजन

दिनांक – 15-11-2020 रविवार

शुभ चौघड़िया मुहूर्त –

लाभ – प्रातः 9:27 से 10:49 बजे तक।

अमृत – प्रातः10:49 से 12:11 बजे तक।

शुभ – शाम 5:41 से 7:19 बजे तक।

अमृत – शाम 7:19से 8:56 बजे तक।

 

भाई दूज (यम द्वितीया) 16-11-2020 सोमवार

शुभ चौघड़िया व मुहूर्त

अमृत -प्रातः 6:43 से 8:5 बजे तक।

शुभ – प्रातः – 9:27 से 10:49 बजे तक।

लाभ – दोप. – 2:56 से 4:18बजे तक।

अमृत – शाम 4:18 से 5:41 बजे तक रहेगा।

इन सामग्रियों के साथ करें महालक्ष्मी पूजन –

सामग्री आव्यशकतानुसार कम ज्यादा ला सकते है

पाना लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्तियां (बैठी हुई मूर्ति), पूजन में धूप बत्ती (अगरबत्ती), चंदन, कपूर, केसर, यज्ञोपवीत 5, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, सौभाग्य द्रव्य- मेंहदी, चूड़ी, काजल, बिछुड़ी आदि आभूषण। कलावा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, धनिया खड़ा, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद (मधु), शक्कर, घृत (शुद्ध घी), दही, दूध, ऋतुफल (गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि), नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि), इलायची (छोटी)

लौंग, मौली, इत्र की शीशी, तुलसी दल, सिंहासन (चौकी, आसन), पंच पल्लव(बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते) सम्भव हो तो, लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति), गणेशजी की मूर्ति, सरस्वती का चित्र, चाँदी का सिक्का श्रद्धानुसार, लक्ष्मीजी, गणेश जी एवं अंबिका जी को अर्पित करने के लिए वस्त्र श्रद्धा अनुसार, जल कलश (ताँबे या मिट्टी का, दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा), श्रीफल (नारियल), धान्य (चावल, गेहूँ), लेखनी (कलम), बही-खाता, स्याही की दवात आदि से दीपावली पर पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है।

 

पटाखे चलाने के दौरान रखें खास ध्यान

अक्सर दीपावली के दौरान उत्साह में पटाखे चलाने के दौरान हम सावधानी का ध्यान नहीं रख पाते। ऐसे में परेशानी से बचने के लिए पटाखे चलाने से पूर्व अपने आसपास पानी की एक बाल्टी जरुर रखें। ताकि पटाखा छोड़ते समय अगर चिंगारी आदि शरीर के किसी हिस्से पर पड़कर जलन करें तो तुरंत पानी में उस हिस्से को डूबा लें। जिससे जलन नहीं होगी और छाले आदि से बचाव होगा। इसके साथ ही छोटे बच्चों का पटाखे चलाने के दौरान खास ध्यान रखें। अपने सामने ही पटाखे चलवाएं ताकि सावधानी बने रहें। किसी प्रकार की अप्रिय िस्थति होने पर फायर बिग्रेड आदि को सूचित करें

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