देश में 307 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य, राष्ट्रीय खरीफ सम्मेलन में बोले कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि का क्षेत्र हमारे देश की बड़ी आबादी को कवर करने के साथ ही रोजगार प्रदान करता है। हमारे गांवों व कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है, जिसके सहारे हम अनेक प्रतिकूलताओं से उबरते हैं। कृषि क्षेत्र ने तमाम प्रतिकूलताओं में भी अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया है। किसानों के परिश्रम, भारत सरकार की कृषि हितैषी नीतियों व राज्य सरकारों के प्रयत्नों से कृषि क्षेत्र ने सकारात्मक योगदान दिया है और जीडीपी में भी कृषि क्षेत्र की ग्रोथ प्रतिकूलताओं के बावजूद बढ़ी है। श्री तोमर ने कहा कि खेती-किसानी के विकास के लिए राज्यों को किसी भी तरह की तकलीफ नहीं आने दी जाएगी, भारत सरकार राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती रहेगी।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात शुक्रवार को राष्ट्रीय खरीफ सम्मेलन में कही। श्री तोमर ने खरीफ की अच्छी फसल के लिए शुभकामनाएं देते हुए राज्यों से आग्रह किया कि खेती के क्षेत्र में देश में बहुत अच्छी प्रगति हो रही है, तिलहन व दलहन की दृष्टि से भी सभी को और मिल-जुलकर, मिशन मोड पर काम करना चाहिए। इस दिशा में भारत सरकार सबके सहयोग से काम कर रही है और उम्मीद है कि हम इनमें भी आत्मनिर्भर हो सकते हैं। तोमर ने सराहना की कि सभी किसानों व राज्य सरकारों ने मिलकर काम किया है तथा आशा जताई कि आगे भी योजनाबद्ध ढंग से काम करते रहेंगे। उन्होंने जैविक खेती व जीरो बजट खेती को लेकर भी मार्गदर्शन दिया तथा सभी राज्यों में आर्गेनिक खेती का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया। तोमर ने कहा कि राज्यों को पहचान करना चाहिए कि वे कौन-कौन से हिस्सों को पूरी तरह आर्गेनिक कर सकते हैं तथा किसानों को समय पर मार्केट उपलब्ध करा सकते हैं। देश में 307 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिसे हासिल करने के लिए श्री तोमर ने शुभकामनाएं दी।

खरीफ सम्मेलन में राज्यों ने भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान दी गई छूट से किसानों को बिना किसी बाधा के कृषि कार्य करने की सुविधा मिली है। सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श से महत्‍वपूर्ण मुद्दों की पहचान करने, कृषि आदानों का मूल्‍यांकन और आवश्यकता एवं उनकी स्थिति का पता लगाने में सहायता हुई, जिससे महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों का मार्ग प्रशस्त हुआ है। सम्मेलन से देश में खाद्य उत्पादन के वांछित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रोडमैप और कार्यनीति विकसित करने के साथ ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को और मजबूती मिलेगी।

 

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