नई दिल्ली : आगामी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- सुपर स्पेशलाइजेशन (नीट-एसएस) 2021 के लिए परीक्षा पैटर्न में ‘आखिरी समय’ में किए गए कथित बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए सोमवार को राजी हो गया।
यह परीक्षा नवंबर में निर्धारित है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्न की पीठ ने 41 स्नातकोत्तर डाक्टरों द्वारा दायर याचिका पर केंद्र, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को अपने लिखित प्रस्तुतीकरण का संक्षिप्त नोट दाखिल करने की भी अनुमति दी। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 27 सितंबर को होगी। याचिकाकर्ता, जो देश भर से योग्य स्नातकोत्तर डाक्टर हैं और नीट-एसएस-2021 क्रैक कर सुपर स्पेशलिस्ट बनने की इच्छा रखते हैं, ने कहा कि परीक्षा तारीखों की घोषणा 23 जुलाई को की गई थी।
लेकिन बदला हुआ पैटर्न 31 अगस्त को सार्वजनिक किया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि नीट-एसएस 2021 की परीक्षाएं 13-14 नवंबर को होनी हैं। शैक्षिक मामलों सहित यह काफी तय सिद्धांत है कि एक बार कैलेंडर की घोषणा होने के बाद योजना में बदलाव का कोई सवाल ही नहीं है।
अधिवक्ता जावेदुर रहमान के माध्यम से दायर याचिका में 31 अगस्त के सूचना बुलेटिन में निहित नीट-एसएस 2021 की योजना रद करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि मौजूदा या पूर्व के पैटर्न के अनुसार 40 अंक के सवाल मूल विषय से और 60 अंक के सवाल उम्मीदवार द्वारा चुने गए दो वैकल्पिक पाठ्यक्रमों के संबंध में पूछे जाते थे।
उम्मीदवार स्वयं अपनी रुचि के क्षेत्रों का चयन करना था जिसमें उसे थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों तरह से विषय का ज्ञान प्राप्त करना होता था। याचिका में दावा किया गया कि सूचना बुलेटिन में प्रवेश परीक्षा को पूरी तरह से बदल दिया गया है।
एनबीई ने कहा है कि परीक्षा पोस्ट ग्रेजुएट की निकास परीक्षा के स्तर की होगी। इस तरह विभिन्न स्पेशियलिटी के पोस्ट ग्रेजुएट एकल सुपर-स्पेशियलिटी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। याचिका में कहा गया है कि पूर्ववर्ती पैटर्न में क्रिटिकल केयर से 60 फीसद प्रश्नों वाला एक पेपर होता था। जो कि सुपर-स्पेशियलिटी विषय है।
जबकि 40 फीसद सवाल सामान्य चिकित्सा और एनेस्थिसियोलाजी सहित सभी पांच व्यापक स्पेशियलिटी के होते थे। प्रस्तावित नया पैटर्न उपरोक्त विस्तृत स्पेशियलिटी के सभी उम्मीदवारों को एक ही पेपर हल करने के लिए मजबूर कर रहा है जिसमें जनरल मेडिसिन से 100 फीसद प्रश्न होंगे। अन्य चार पोस्टग्रेजुएट शाखाओं की व्यापक स्पेशियलिटी से कोई प्रश्न नहीं होगा।
यह पैटर्न लागू होने से उन सभी लोगों समय और प्रयास की बर्बादी होगी जिन्होंने क्रिटिकल केयर की तैयारी की है। याचिका में नीट-एसएस 2021 के लिए पुराने पैटर्न को बहाल रखने की मांग करते हुए कहा गया कि समय की कमी के कारण नया पैटर्न लागू करना उचित नहीं होगा। अलबत्ता इसे 2022 और उसके बाद लागू किया जाना चाहिए।