जयपुर । राजस्थान के आठ जिलों में पानी की आपूर्ति करने वाली इंदिरा गांधी नहर में पंजाब की ओर से गंदा और केमिकल युक्त पानी छोड़े जाने से करीब दो करोड़ लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। पंजाब के हरिके बैराज से छोड़ा गया यह पानी सोमवार को राजस्थान के हनुमानगढ़ और मंगलवार को बीकानेर जिले तक पहुंच गया। अब आगे अन्य जिलों में जाएगा। श्रीगंगानगर के विधायक राजकुमार गौड़ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है। अब गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बात करेंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर व जैसलमेर जिले के करीब दो करोड़ लोग इंदिरा गांधी नहर का ही पानी पीते हैं। इससे सिंचाई भी होती है। बताया जाता है कि जीर्णोद्धार को लेकर नहर बंदी की जाती है। इसके बाद पंजाब की तरफ से हर बार ऐसा पानी छोड़ा जाता है। नहर में 60 दिन की बंदी के बाद मई के अंत में हरिके बैराज से पानी छोड़ा गया है, जबकि इस समय नहर में केवल पीने का पानी ही छोड़ा जाता है। ऐसे में इसमें केमिकल युक्त पानी मिलने से लोगों को समस्या होगी।
श्रीगंगानगर के सांसद मेघवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार से इस संबंध में बात कर हर बार होने वाली इस समस्या का स्थायी समाधान करने का प्रयास किया जाएगा । इस मुद्दे पर किसानों के साथ ही केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से भी मिलूंगा। वहीं राजस्थान के राज्य जलसंसाधन विभाग के मुख्य अभियंता का कहना है कि पंजाब के मुख्य अभियंता सहित अन्य अधिकारियों को पंजाब की फैक्टि्रयों से कैमिकल युक्त पानी नहर में आने की सूचना दी गई है। उम्मीद है कि शीघ्र ही हरिके बैराज से साफ पानी की आवक शुरू हो जाएगी।
इधर पंजाब नहरी विभाग के मुख्य अभियंता बोले कि दो महीने से राजस्थान जाने वाली नहर के जीर्णोद्धार का काम चल रहा था। इसकी वजह से नहर 60 दिन के लिए बंद की गई थी। चूंकि, सतलुज और ब्यास नदी के पीछे से आने वाली पानी में लुधियाना के बुड्ढा नाला का गंदा पानी मिल गया था, इसलिए जब पानी छोड़ा गया तो उसके साथ गंदा पानी भी राजस्थान चला गया। भविष्य में ऐसी समस्या न आए, इसके लिए सुधार किया जाएगा।