लगातार चार साल तक देश में सबसे स्वच्छ शहर के तमगे के बाद भी इंदौर का नया-नया कीर्तिमान बनाने का दौर जारी है। शहर में सफाई को लेकर लोगों का जोश बरकरार है। केंद्र सरकार ने 2016 में प्लास्टिक के कचरे के संरक्षण का अधिनियम बनाया था। इसे इंदौर ने नए अर्थ दिए हैं।
इंदौर नगर निगम की पहल
चार साल बीतने पर भी देश का कोई भी शहर इसे लागू नहीं कर सका। इंदौर नगर निगम ने इसी समय बड़ा कदम उठाया। इंदौर नगर निगम देश का पहला ऐसा नगर निकाय बन गया जिसमें प्लास्टिक कचरे की री-साइकल की शुरुआत कर दी गई। इससे शहर से प्लास्टिक कचरा तो बाहर होगा ही निगम को कमाई भी होगी। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2016 में प्लास्टिक एवं प्रबंधन अधिनियम लागू किया गया था। इसके तहत देश भर की प्लास्टिक निर्माता कंपनी के साथ प्लास्टिक प्रोडक्ट निर्माता और इसको बेचने वाली इसा री-साइकल करेंगे।
ऐसे निर्माताओं को रोजाना उपयोग होने वाली प्लास्टिक की मात्रा का 30 प्रतिशत री-साइकिल करने की जिम्मेदारी उठानी होगी। इंदौर नगर निगम ने इसके लिए मॉडल तैयार किया और लगभग 75 प्लास्टिक निर्माता कंपनियों से नवंबर महीने के 20 दिनों में घरेलू प्लास्टिक के 30 प्रतिशत री-साइकिल के लिए 70 लाख 50 हजार रुपये की राशि प्राप्त की।