बंगाल दौरे पर गृह मंत्री अमित शाह : विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम में लेंगे भाग !
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कोलकाता : गृह एवं सहकारिता के मंत्री अमित शाह शुक्रवार को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम, मुक्ति-मातृका (‘मां के रूप में स्वतंत्रता’) में भाग लेंगे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, जगदीप धनखड़ भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।यह सांस्कृतिक कार्यक्रम शुक्रवार 6 मई, 2022 को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के सेंट्रल हॉल में शाम 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा।

मुक्ति-मातृका कार्यक्रम में प्रख्यात ओडिसी नर्तकी डोना गांगुली और उनकी मंडली ‘दीक्षा मंजरी’ द्वारा एक नृत्य प्रस्‍तुत किया जाएगा और प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी, सुरेन्‍द्र-सौम्यजीत का गायन होगा। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने, यहां के लोगों के गौरवपूर्ण इतिहास, संस्‍कृति और उपलब्धियों के स्‍मरण में मनाए जाने वाले आजादी के अमृत महोत्सव के तहत यह एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम है।

यूनेस्‍को द्वारा मानवता की अमूल्‍य सांस्कृतिक विरासत की सूची में बंगाल की दुर्गा पूजा को शामिल किए जाने और विक्टोरिया मेमोरियल हॉल के 2021-22 में मनाए जा रहे शताब्दी वर्ष समारोह की पृष्ठभूमि में यह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

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मुक्ति-मातृका शब्द का अर्थ एक मां, यहां तक कि देवी मां की शाश्‍वत छवि को प्रस्‍तुत करता है, लेकिन प्रतीक के तौर पर यह इससे बहुत आगे तक जाता है और इसमें ‘मुक्ति’ या स्वतंत्रता/आजादी/निस्‍तार के विचार के साथ-साथ ‘मातृका’ का विचार भी शामिल है। एक ऐसा आदर्श जिसके तौर पर किसी भूमि या राष्ट्र की कल्पना की जा सकती है। बंगाल आजादी का अमृत महोत्सव एक विशेष उत्साह के साथ मना रहा है।

यह आजादी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने, जो उसके क्रांतिकारियों (बिप्‍लवियों) और राष्ट्रवादियों द्वारा किए गए स्मरणीय संघर्षों और बलिदानों से संभव हुई थी और इसके साथ ही, दुनिया भर में अपनी ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत, प्रतिष्ठित दुर्गा पूजा को यूनेस्‍को द्वारा दी गई मान्यता का उत्‍सव मनाने के लिए भी कर रहा है। इन्‍हीं दो कथ्यों को पिरोते हुए मुक्ति-मातृका, स्वतंत्रता और मां (देवी दुर्गा) के बीच संपर्क स्थापित करता है, विशेष रूप से इस तथ्य के संदर्भ में कि दुर्गा हमारी ‘आजादी’ और बुराई (जो कि दानव का प्रतीक है) के चंगुल से हमारे उद्धार की प्रतीक है।

 

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