पटना : पटना हाई कोर्ट में हलफनामा देकर बिहार सरकार ने माना कि कोरोना से मौत के सही आंकड़ों के मामले में गलती हुई है। मात्र एक दिन के भीतर मरने वालों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी के मामले की पड़ताल की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हाई कोर्ट ने कोरोना से मौत की संख्या बताने वाले आनलाइन पोर्टल के मामले पर राज्य सरकार के हलफनामे पर भी असंतोष जाहिर किया। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार को फिर से विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

मामले पर शनिवार को भी सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव की ओर से शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट में कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु के संबंध में आंकड़े पर हलफनामा दायर कर बताया गया कि राज्य के सभी जिलों से मौत के आंकड़ों की विस्तृत रिपोर्ट आ गई है।

एक दिन में बढ़ी मरने वालों की संख्या : आनलाइन पोर्टल के मामले पर राज्य के सूचना प्रोद्यौगिकी (आइटी) सचिव संतोष कुमार मल्ल ने स्वीकार किया कि पोर्टल पर सात जून को कोरोना के 5,424 संक्रमित मरीजों की मौत की जानकारी दी गई थी, लेकिन आठ जून को पहले की रिपोर्ट संशोधित कर 9,375 मरीजों की मौत बताई गई।
इस अंतर की पड़ताल के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की गई और पोर्टल के कार्य करने के मामले का अध्ययन करने के लिए तकनीकी टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई। विकास आयुक्त आमिर सुबहानी ने अदालत को बताया कि वह इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों से बैठक कर अगली सुनवाई में रिपोर्ट पेश करेंगे।
अदालत के आदेश पर सही आंकड़े जुटाने की कवायद: सनद रहे कि पटना हाई कोर्ट के बिहार सरकार को राज्य में कोरोना से जान गंवाने वालों की असली संख्या बताने का निर्देश दिया था। उसके बाद सरकार की ओर से दो समितियों का गठन किया गया। उन समितियों द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के बाद मौत की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज हो गई।
इसे लेकर सरकार पर विपक्षी दल भी हमलावर हो गए। मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप : कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही विपक्षी दल मौत के आंकड़ों को छिपाने का सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं। राज्य के प्रमुख विपक्षी दल राजद का आरोप है कि सरकार मरने वालों की संख्या कम बता रही। इंटरनेट मीडिया में भी ऐसी सूचनाएं वायरल होती रही हैं।