संगरूर । रोजाना सुबह सीटी बजाकर लोगों को अपने घरों का कूड़ा रेहड़ी में डालने की अपील करता एक व्यक्ति कोई नगर कौंसिल का मुलाजिम नहीं है, बल्कि सुनाम के वार्ड नंबर 14 के पार्षद सुखबीर सिंह सुक्खी हैं। वह रोजाना सुबह अपने 17 वर्षीय बेटे भगत सिंह के साथ घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करते हैं। एकत्र कूड़े को वह डंप पर पहुंचाते हैं। संगरूर जिले में 14 दिन से सफाई सेवकों की हड़ताल जारी है। वे कूड़ा नहीं उठा रहे हैं, जिससे गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों पर गंदगी के ढेर लग गए हैं।
कोरोना संक्रमण के दौर में गंदगी लोगों की जिंदगी पर भारी न पड़ जाए, इसलिए सुनाम शहर के वार्ड नंबर 14 के पार्षद सुखबीर सिंह ने खुद कूड़ा उठाने के कार्य में लग गए हैं। सुखबीर सिंह ने बताया कि नगर कौंसिल के सफाई सेवक व कर्मचारी 13 मई से हड़ताल पर हैं। इस कारण कई दिनों से लोगों के घरों से कूड़ा नहीं उठाया गया। इससे घरों में कूड़ादान भर गए। साथ ही, सफाई व्यवस्था चरमरा गई। लोग हर दिन उन्हें फोन पर शिकायत कर रहे थे कि कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। लोगों की समस्या को देखते हुए उन्होंने खुद ही कूड़ा इकट्ठा करने का कदम उठाया।

नगर कौंसिल से तीन पहिया रेहड़ी ली और बेटे को साथ लेकर कूड़ा इकट्ठा करने के लिए अब सुबह ही घर से निकल पड़ते हैं। सीटी बजाते हैं तो लोगों को पता चल जाता है कि गली में कूड़े की रेहड़ी आ गई है। लोग खुद कूड़ा रेहड़ी में डालने के लिए आ जाते हैं। अब वार्ड भर से कूड़ा उठाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली लगा दी है। इसमें कूड़ा इकट्ठा करके डंप पर पहुंचा रहे हैं। सुखबीर सिंह कहते हैं कि जनता की हर समस्या को हल करना पार्षद की ड्यूटी होती है। सफाई सेवकों ने हड़ताल की तो लोग कूड़ा इकट्ठा होने से परेशान थे, इसलिए मैं खुद कूड़ा इकट्ठा करने में लग गया।
पार्षद के तौर पर उन्हें जो मानदेय मिलता है, उसका उपयोग वह वार्ड निवासियों की समस्याओं को हल करने के लिए करते हैं। सुखबीर सिंह के बेटे भगत सिंह का कहना है कि उनके पिता ने लोगों की समस्या को देखते हुए खुद रेहड़ी का हैंडल थामा तो वह भी पिता के साथ कदम से कदम मिलने के लिए निकल पड़ा। पिता के साथ मिलकर मैं जनता की सेवा करूंगा। अन्य पार्षद भी सफाई में जुटे पार्षद सुखबीर सिंह के सफाई अभियान को देखकर नगर कौंसिल के अन्य पार्षद भी अपने वार्डों में सफाई के लिए आगे आने लगे हैं। नगर कौंसिल के प्रधान भी शहर की सफाई के लिए प्रयास कर रहे हैं।