राम नगरी अयोध्या में सरयू तट पर 39 वें 4 दिव्य रामायण मेला के आयोजन की अनुमति शासन ने दे दी है। अब यह मेला 18 दिसंबर को शुरू होकर 21 दिसंबर तक चलेगा। रामायण मेले के दौरान दिन में 11 बजे से डेढ़ बजे तक रामलीलाओं का मंचन अनवरत रामलीला से जुड़ी रामलीला मंडलियों करेंगी। सांस्कृतिक संध्या में भजन लोक गीत नृत्य आदि के कार्यक्रमों के आयोजन काे। ऐसे कार्यक्रमों को नहीं रखा जा रहा है, जिसमें जियादा भीड़ जुटने की संभावना हो।
यह जानकारी अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डाॅ। वाईपी सिंह ने दी है। उन्हें बताया कि कोविड गाइडलाइंस का पालन करवाने के लिए रामायण मेला में सीमित संख्या में ही दर्शकों के प्रवेश की अनुमति रहेगी। रामायण मेला की आयोजक संबद्धता रामायण मेला समिति ने मेला की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
गुरूवार को समिति के अधिपक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के मठ मणिराम छावनी में रामायण मेला की तैयारियों और बुकिंग को अंतिम रूप देने के लिए बैठक हो रही है। इसमें संपर्क करने वाले विभाग के कार्यक्रम अधिकारी कमलेश कुमार पाठक भी सम्मिलित कार्यक्रम को अंतिम रूप देंगे।
80 के दशक मे होता था भव्य रामायण मेला
अयोध्या का रामायण मेला 80 के दशक मे भव्य तरीके से आयोजित किया गया था। उस दौरान विदेशी राम लीला मंडलियाँ रामायण मेला के मंच पर उतारी गई थी। इसकी विविधता व गर्व पाठता के कारण रामायण मेला में भारी भीड़ जुटती थी। दर्शकों की भीड़ साय 5 बजे से अपना स्थान सुरक्षित करने में जुट जाती थी। सोनल मानसिंह मालविका सरकार अनूप जलोटा राधा राजा रेड्डी की तरह विश्व प्रसिद्ध कलाकारों ने अपने कार्यक्रम पेश कर इसकी भव्यता के स्तर को ऊंचा किया था लेकिन 90 के दशक के साथ इसके कार्यक्रमों का शतर कम होने लगा। अब तो रामायण मेला में कार्यक्रमों की खानापूरी ही की जा रही है। स्थापितणीय कलाकार ही मंच पर दिखते हैं।