मध्यप्रदेश: कलेक्टर ने भरी बैठक में लगाई फटकार तो रोने लगे सीएमएचओ
मध्यप्रदेश: कलेक्टर ने भरी बैठक में लगाई फटकार तो रोने लगे सीएमएचओ

मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने समीक्षा बैठक बुलाई। इस दौरान व्यवस्थाएं दुरुस्त न मिलने पर उन्होंने इंदौर सीएमएचओ डॉ। प्रवीण जड़िया को भरी बैठक में फटकार दिया, जिसके बाद सीएमएचओ फूट-फूटकर रोने लगे। इस दौरान उन्होंने आने वाले व तबीयत बिगड़ने की बात भी कही और अस्पताल चले गए। कलेक्टर के डांनिंग और सीएमएचओ के रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

यह पूरा मामला है

जानकारी के मुताबिक, इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान कलेक्टर को पता चला कि जननी सुरक्षा की 22 फाइलें अभी लंबित पड़ी हैं तो वह नाराज हो गए। कलेक्टर के मुताबिक, संदर्भ सहायता सहायता के तहत मिलने वाली राशि के साथ-साथ जननी सुरक्षा में शुरू गाड़ियों की भी दो से ढाई हजार तक फाइलें लंबित होने की जानकारी मिली है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि सीएमएचओ डॉ। प्रवीण जड़िया से इस संबंध में केवल जानकारी मांगी गई थी।

सीएमएचओ को यूं पड़ी फटकार

बताया जा रहा है कि कलेक्टर मनीष सिंह ने फाइलों लंबित होने को लेकर सीएमएचओ डॉ। प्रवीण जड़िया फटकार दिया। साथ ही, कहा कि अपना ट्रांसफर करा लो। दरअसल, मनीष सिंह पहले भी कई बार लापरवाही को लेकर सीएमएचओ को फटकार चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कड़ी बैठक में ही सीएमएचओ को खरी-खोटी सुना दी।

फटकार के बाद बिगड़ी सीएमएचओ की तबीयत

बताया जा रहा है कि भरी बैठक में कलेक्टर से फटकार सुनने के बाद सीएमएचओ की आंखों में आंसू आ गए। वह बोले कि उनकी तबीयत खराब है और उन्हें चक्कर आ रहा है। इसके बाद वह जाँच कराने निजी अस्पताल चले गए और जाँच के बाद उन्होंने पाँच दिन का अवकाश ले लिया।

कलेक्टर ने कही यह बात

बैठक के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि यह रुटीन समीक्षा बैठक थी। जिले में स्वास्थ्य अधिकारी का सक्रिय रहना अत्यंत आवश्यक है। सीएमएचओ की देखरेख में संदर्भ सहायता सहित कई मामले हैं। कोविड मैनेजमेंट की बहुत-सी चीजें हैं। इसके अलावा भी अन्य कई जिम्मेदार हैं। ऐसे में जिला अधिकारी गलती करेगा तो उन्हें डांटना जरूरी है।

Banner Ad

मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने समीक्षा बैठक बुलाई। इस दौरान व्यवस्थाएं दुरुस्त न मिलने पर उन्होंने इंदौर सीएमएचओ डॉ। प्रवीण जड़िया को भरी बैठक में फटकार दिया, जिसके बाद सीएमएचओ फूट-फूटकर रोने लगे। इस दौरान उन्होंने आने वाले व तबीयत बिगड़ने की बात भी कही और अस्पताल चले गए। कलेक्टर के डांनिंग और सीएमएचओ के रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

यह पूरा मामला है

जानकारी के मुताबिक, इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान कलेक्टर को पता चला कि जननी सुरक्षा की 22 फाइलें अभी लंबित पड़ी हैं तो वह नाराज हो गए। कलेक्टर के मुताबिक, संदर्भ सहायता सहायता के तहत मिलने वाली राशि के साथ-साथ जननी सुरक्षा में शुरू गाड़ियों की भी दो से ढाई हजार तक फाइलें लंबित होने की जानकारी मिली है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि सीएमएचओ डॉ। प्रवीण जड़िया से इस संबंध में केवल जानकारी मांगी गई थी।

सीएमएचओ को यूं पड़ी फटकार

बताया जा रहा है कि कलेक्टर मनीष सिंह ने फाइलों लंबित होने को लेकर सीएमएचओ डॉ। प्रवीण जड़िया फटकार दिया। साथ ही, कहा कि अपना ट्रांसफर करा लो। दरअसल, मनीष सिंह पहले भी कई बार लापरवाही को लेकर सीएमएचओ को फटकार चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कड़ी बैठक में ही सीएमएचओ को खरी-खोटी सुना दी।

फटकार के बाद बिगड़ी सीएमएचओ की तबीयत

बताया जा रहा है कि भरी बैठक में कलेक्टर से फटकार सुनने के बाद सीएमएचओ की आंखों में आंसू आ गए। वह बोले कि उनकी तबीयत खराब है और उन्हें चक्कर आ रहा है। इसके बाद वह जाँच कराने निजी अस्पताल चले गए और जाँच के बाद उन्होंने पाँच दिन का अवकाश ले लिया।

कलेक्टर ने कही यह बात

बैठक के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि यह रुटीन समीक्षा बैठक थी। जिले में स्वास्थ्य अधिकारी का सक्रिय रहना अत्यंत आवश्यक है। सीएमएचओ की देखरेख में संदर्भ सहायता सहित कई मामले हैं। कोविड मैनेजमेंट की बहुत-सी चीजें हैं। इसके अलावा भी अन्य कई जिम्मेदार हैं। ऐसे में जिला अधिकारी गलती करेगा तो उन्हें डांटना जरूरी है।

 

 

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter