मप्र स्कॉल रीओपनिंग: राज्य में प्राथमिक विद्यालय संचालक सरकार के स्कूल न खोलने के निर्णय का खुलकर विरोध कर रहे हैं। संचयकों नें कोरोनावायरस के कारण लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों को खोलने की मांग की है। बहुत ही नहीं, कई केंद्रीय विद्यालय संगठनों ने सिर्फ 5 दिनों के अंदर स्कूल खोलने की चेतावनी दी है। अगर आने वाले दिनों में सरकारी स्कूल खुलने की इजाजत नहीं देती तो वे 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन करेंगे।
इन संगठनों का कहना है कि जब मंदिर, मॉल, पिकनिक घड़ी, बाजार आदि सब खुल चुके हैं तो केवल स्कूल और शैक्षणिक संस्थान ही बंद क्यों हैं। क्या कोरोना का प्रकोप सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों तक ही सीमित है। इसके अलावा स्कूल संगठनों ने अपनी कुछ मांगे भी रखी हैं। जिसमें स्कूल स्टाफ का वेतन, बिजली, पानी और अन्य करों में छूट और वेतन आदि से सामना के लिए बिना ब्याज लोन की सुविधा आदि मुख्य रूप में शामिल हैं।
हाल ही में राज्य सरकार ने प्रदेश में कक्षा नौवीं से लेकर बारहवीं तक की कक्षाओं नियमित तौर पर शुरू करने का निर्णय लिया था। छात्रों के शंका समाधान के लिए स्कूल नियमित रूप से पूरे निर्धारित समय तक के लिए खुले रहने का आदेश दिया था। छात्र माता-पिता की सहमति से ही मार्गदर्शन के लिए स्कूल आ जाएगा। इतना ही नहीं, स्कूल खुलने पर छात्रों, अध्यापकों और कर्मचारियों को बनाए गए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।