मध्यप्रदेश: शिकायत के बारे में पहुंची आईटीआई की छात्रा, कलेक्टर ने सौंपी अपनी कुर्सी कहा आप फैसला कीजिए…
मध्यप्रदेश: शिकायत के बारे में पहुंची आईटीआई की छात्रा को कलेक्टर ने सौंपी अपनी कुर्सी

मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में एक छात्रा की शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर के फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। दरअसल, ITI की एक छात्रा अपनी शिकायत के बारे में कलेक्टर के पास पहुंची थी। कलेक्टर ने शिकायत सुनी और उसे अपनी कुर्सी सौंपकर ट्रायल करने के लिए कहा। साथ ही, छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई भी की।

यह पूरा मामला है

जानकारी के मुताबिक, शिवपुरी में ITI की छात्रा जाह्नवी जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के पास अपनी शिकायत लेकर गई थी। उन्होंने संस्थान में परीक्षा देने से वंचित होने वाले छात्र-छात्राओं की मदद करने की गुहार लगाई थी। कलेक्टर ने परीक्षण करके इस मामले की जांच कराने का आदेश दिया। साथ ही, जाह्नवी को अपनी कुर्सी पर बैठाकर एक दिन के लिए कलेक्टर बना दिया। इसके बाद जाह्नवी कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर दिनभर लोगों की समस्याएं सुनती रही और उनका समाधान बताती रही।

कलेक्टर ने दी यह जानकारी

बता दें कि इस दौरान कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने जाह्नवी को अपने बारे में जानकारी भी दी। कलेक्टर ने कहा कि इस जिले में लड़कियों की शिक्षा पर बहुत काम करना है। परीक्षण के दौरान ही मेरे मन में यह विचार आया कि यह बच्ची को यह मौका दिया जाएगा। कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का एहसास होना जरूरी होता है।

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पहले भी की गई हौसलाअफजाई

गौरतलब है कि बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश में पहले भी कई अधिकारी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह की तरह कदम उठाए गए हैं। वर्ष 2019 के दौरान जबलपुर के एसपी रहे अमित कुमार सिंह ने पांच छात्रों को थोड़ी-थोड़ी देर के लिए पुलिस अधीक्षक बनाया। वहीं, दूसरे जिलों के अधिकारी भी इस तरह से बच्चों की हौसलाअफजाई करते हैं।

मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में एक छात्रा की शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर के फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। दरअसल, ITI की एक छात्रा अपनी शिकायत के बारे में कलेक्टर के पास पहुंची थी। कलेक्टर ने शिकायत सुनी और उनकी कुर्सी सौंपकर ट्रायल करने के लिए कहा। साथ ही, छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई भी की।

यह पूरा मामला है

जानकारी के मुताबिक, शिवपुरी में ITI की छात्रा जाह्नवी जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के पास अपनी शिकायत लेकर गई थी। उन्होंने संस्थान में परीक्षा देने से वंचित होने वाले छात्र-छात्राओं की मदद करने की गुहार लगाई थी। कलेक्टर ने परीक्षण करके इस मामले की जांच कराने का आदेश दिया। साथ ही, जाह्नवी को अपनी कुर्सी पर बैठाकर एक दिन के लिए कलेक्टर बना दिया। इसके बाद जाह्नवी कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर दिनभर लोगों की समस्याएं सुनती रही और उनका समाधान बताती रही।

कलेक्टर ने दी यह जानकारी

बता दें कि इस दौरान कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने जाह्नवी को अपने बारे में जानकारी भी दी। कलेक्टर ने कहा कि इस जिले में लड़कियों की शिक्षा पर बहुत काम करना है। परीक्षण के दौरान ही मेरे मन में यह विचार आया कि यह बच्ची को यह मौका दिया जाएगा। कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का एहसास होना जरूरी होता है।

पहले भी की गई हौसलाअफजाई

गौरतलब है कि बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश में पहले भी कई अधिकारी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह की तरह कदम उठाए गए हैं। वर्ष 2019 के दौरान जबलपुर के एसपी रहे अमित कुमार सिंह ने पांच छात्रों को थोड़ी-थोड़ी देर के लिए पुलिस अधीक्षक बनाया। वहीं, दूसरे जिलों के अधिकारी भी इस तरह से बच्चों की हौसलाअफजाई करते हैं।

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