भोपाल : मध्य प्रदेश में एक मार्च, 2020 से 30 जून, 2021 के बीच अपने माता—पिता या अभिभावकों को खोने वाले अनाथ बच्चों को राज्य सरकार पेंशन और निशुल्क राशन देगी और स्नातक तक पढ़ाई का खर्च उठाएगी। सरकार ने योजना के प्रारूप में आंशिक संशोधन करते हुए ‘मुख्यमंत्री कोविड—19 बाल कल्याण योजना’ शुक्रवार से लागू कर दी है। योजना में अब कोरोना से मौत होने की शर्त हटा दी गई है। इस अवधि में किसी भी कारण से पालक की मौत होने पर बच्चों को योजना का लाभ मिलेगा। कोरोना संक्रमण के चलते सैकड़ों बच्चे अपने माता—पिता एवं अभिभावकों को खो चुके हैं। इनमें से कुछ परिवारों में कमाने वाले नहीं रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने इन बच्चों के लालन—पालन की जिम्मेदारी ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 मई को यह घोषणा की थी। योजना महिला एवं बाल विकास विभाग ने तैयार की है। योजना के लिए वे परिवार पात्र नहीं होंगे, जो पहले से सरकारी पेंशन का लाभ ले रहे हैं या कोविड योद्घा घोषित किए गए हैं। वहीं जो बच्चे 21 साल की उम्र के बाद स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं, तो पढ़ाई पूरी होने या फिर 24 साल की उम्र पूरी होने तक पेंशन दी जाएगी।