मुंबई : एक विशेष अदालत ने गुरुवार को महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में राज्य के मंत्री छगन भुजबल और सात अन्य को बरी कर दिया। जिन लोगों को बरी किया गया है, उनमें भुजबल के बेटे पंकज और भतीजे समीर भी शामिल हैं। 2015 के इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा की जा रही थी। भुजबल समेत अन्य आरोपितों ने दिल्ली में एक नए महाराष्ट्र सदन के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों से खुद को बरी करने की मांग की थी।
उन्होंने दावा किया था कि उन पर मुकदमा चलाने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। इसलिए उन्हें इस मामले में बरी किया जाए। उनके इस आवेदन को अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भुजबल ने कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं।
उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने जान-बूझकर मुझे परेशान करने का प्रयास किया। लेकिन नाकाम रहे। इसके अलावा मुझे मीडिया ट्रायल का भी सामना करना पड़ा। भुजबल के वकीलों ने अदालत में कहा कि राकांपा नेता के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और गलत आकलन, अनुमान और धारणाओं पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि डेवलपर को चुनने में भुजबल की कोई भूमिका नहीं थी।