मुंबई : साकीनाका बलात्कर और हत्या केस में पुलिस ने 18 दिन के भीतर फाइल की चार्जशीट

मुंबई : साकीनाका संभाग के सहायक पुलिस आयुक्त के विशेष दस्ते ने मंगलवार को डिंडोशी सत्र अदालत में साकीनाका दुष्कर्म और हत्या मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी।

खास बात यह है कि यह चार्जशीट 18 दिन में दाखिल की गई। इसमें कहा गया है कि आरोपित, महिला द्वारा अपना वादा पूरा नहीं करने पर उससे नाराज था। उल्लेखनीय है 10 सितंबर की सुबह साढ़े तीन बजे साकीनाका के खैरानी रोड पर खड़े टेंपो में 32 वर्षीय महिला खून से लथपथ पाई थी।

आरोपित मोहन चौहान जो पेशे से ड्राइवर है, पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में लोहे की राड डालकर मौके से फरार हो गया। चार्जशीट के मुताबिक, उस पर इतनी बेरहमी से हमला किया गया कि उसकी आंतें बाहर निकल आईं। सहायक पुलिस आयुक्त और टीम के नेतृत्व में विशेष दस्ते ने 18 दिन के भीतर अपनी जांच पूरी कर ली।

346 पेज की चार्जशीट में 77 गवाहों के बयान हैं। आरोपित और पीड़ित महिला दोनों एक दूसरे को कई दिनों से जानते थे। चार्जशीट में आगे कहा गया कि मुख्य गवाहों में घटनास्थल का चौकीदार भी शामिल है। उसने ही पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित किया।

गश्त करने वाली टीम महिला को उसी टेम्पो में राजावाड़ी अस्पताल ले गई जिसमें घटना हुई। मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने दावा किया कि इस सनसनीखेज मामले की जांच 30 दिन में पूरी हो जाएगी। पुलिस ने उन डाक्टरों के बयान भी दर्ज किए हैं जिन्होंने आरोपित और पीड़िता के परिवार और परिवार के सदस्यों का इलाज किया।

जांच में पुलिस ने मोहन चौहान (47) से भी पूछताछ की, जिसने बताया कि वह महिला को जानता था। उसने 25 दिन पहले उससे कुछ वादा किया गया था, लेकिन वह उसे पूरा नहीं कर पाई। इससे चौहान गुस्से में था। वह नौ सितंबर फिर महिला मिला जहां उसने फिर वादा पूरा करने से इन्कार कर दिया। जिसके कारण यह वारदात हुई।

विशेष दस्ते की टीम ने चौहान के खिलाफ चिकित्सा परिस्थितिजन्य और फोरेंसिक साक्ष्य और भौतिक साक्ष्य भी एकत्र किए और आरोप पत्र दायर किया। मोहन चौहान पर आइपीसी की धारा 302, 376, 323, 504 और 34 के तहत हत्या, दुष्कर्म, हमला, आपराधिक धमकी देने का आरोप लगाया गया है।

मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी आइपीएस एस.चैतन्य ने मिड डे से बात करते हुए कहा कि एफआइआर दर्ज करते समय संदेह था कि इस वारदात में और भी आरोपित हो सकते हैं। जिसके कारण हमने 34 की धारा जोड़ी। लेकिन जांच में हमने पाया कि मामले में केवल एक ही आरोपित है। सीसीटीवी में भी हमें एक ही आरोपित मिला। 

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