इंदौर में शनिवार को चौराहों, बाजार और गलियों में लोग यहां-वहां बचकर भागते नजर आए। वे नहीं और नहीं सक नहीं नहीं पहने वाले लोग थे, जो निगम की चालानी कार्रवाई से बचकर भाग रहे थे। चालानी कार्रवाई से बचे लोग राहत की सांस तो लेते नजर आए, लेकिन उन्हें शायद यह बात का भान नहीं था कि यह राहत रूपी खुले सांस, उन्हें कोरोना रूपी यमराज के पास पहुंच सकती है। चालानी कार्रवाई के दौरान दौड़ भाग के अलावा कई प्रकार के बहाने भी सुनने को मिले। किसी ने कहा साँस लेने में कठिनाई होती है तो कई बोला – फांक टूट जाता है। किसी ने कहा बस यहीं तक आया था, छोड़ दो अभी तक आता है। किसी ने गाड़ी की चाभी निकालने पर आँख भी दिखाई। इन सबके बाद भी चालानी कार्रवाई जारी हो रही है।
नकद रुपए नहीं होने पर निगम की टीम ने पेटीएम से संयोजन वसूला।
इंदौर में कोरोना की तीसरी लहर आते ही पुलिस-प्रशासन और नगर निगम फिर से सक्रिय मोड में आ गया है। प्रशासन ने जहां सभी से संकाय लगाने की अपील करते हुए ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की बात कही। वहीं, पुलिस ने एक बार समझने की कोशिश के बाद नियमों सहित नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की बात कही है। सबसे तेजी से निगम ने दिखाई और एक बार फिर से सक नहीं लागू करने वालों पर चालानी कार्रवाई शुरू की। मास्क नहीं पहनने पर 200 रुपए का स्पाट फाइन लगाया जा रहा है। साथ ही फंक्शन पहनने के लिए कहा जा रहा है।
कार्रवाई देख भागा साइकिल सवार बुजुर्ग।
शनिवार को जब निगम की टीम राजबाड़ा और जेल रोड पर पहुंची तो यहां पर लोग मस्ती में मस्त नजर आए। चेहरे पर ना फेस था ना ही सोशल डिस्टेंसिंग। लाएग हाथों में हाथ लिए रखनेियाते हुए घूम रहे थे। निगम की टीम ने चालानी कार्रवाई शुरू की तो लोग भागने लगे। कोई गाड़ियों के पीछे से छिपकर निकल गया तो किसी ने जिस तरफ से आया उसी ओर फिर से बाइक और साइकिल दौड़ा ली। जो पैदल थे, उनके पीछे निगम की टीम ने भी दौड़ लगा दी थी। इस लुकाछिपी में कई पकड़े गए तो कुछ भागने के बाद राहत की सांस लेते हुए नजर आए। लेकिन उनका यह मजाक गलती से भी उन्हें कोरोना होने पर उनके अलावा उनके संपर्क में आने वाले को कितना भारी पड़ सकता है। संभवत: इस बारे में उन्होंने शायद सोचा ही नहीं है।
निगमकर्मी ने पकड़ा तो मुंह पर रखने लगा रुमाल।
पकड़ाया तो बोला – 100 रुपए ले लो, तुम कर सकते हो
निगम ने संकाय नहीं पहनने वाले एक युवक को दबोचा तो वह बोला कि संकाय तो वह घर से लेकर गया था, कहीं गिर पर। इसके बाद कहने लगा क्या करूँ फेस की रबर टूट जाती है। जब निगम ने कहा कि 200 का विज्ञापन कटवा लो तो बोला कि मेरे पास तो इतने ही नहीं हैं। चलो 100 का कोड बना दो। इस पर निगम टीम ने कहा कि विज्ञापन तो 200 का ही बनेगा। इस पर युवक बोला – अरे 100 का बना दो कौन आपका घर होगा। निगम कर्मी ने कहा कि हां मेरे घर तो नहीं करेंगे पर विज्ञापन तो उतने का ही बनेगा। काफी देर बाद उसने संयोजन बनावा और वहाँ से चलता बना। इसके अलावा एक युवक ने कहा कि उसके पास नहीं हैं तो निगम ने पेटीएम के माध्यम से उसे चलाने के लिए भरवाया।
निगमकर्मी ने तो बोला – 100 रुपए का विज्ञापन काट दो।
युवक बोला – 200 ऐसे लोगों से 500 रुपये वसूलो
युवा अरविंद ने चालानी कार्रवाई को लेकर कहा कि निगम की यह कार्रवाई बहुत जरूरी और सही है। मास्क लगाने और दूरी बनाए रखने पर खुद का ही फायदा है। कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशान है। पहने हुए और दूरी बनाए रखने से किसी और को नहीं अपने आप ही फायदा होगा। निगम के नियमों का पालन नहीं करने वालों से 200 नहीं 500 रुपये कोड वसूले।
चालानी कार्रवाई के दौरान बोलो- फ़ैक्स कहीं गिर गया था।
नवंबर में पहली बार 492 नए मामले मिले, 3 की जान भी गई
इंदौर में एक बार फिर से कोरोना विस्फोट हुआ। शुक्रवार रात को 492 प्रकार मिले। साथ ही 3 मरीजों की जान भी गई। इसके पहले 11 अक्टूबर को 453 मरीज मिले थे। इंदौर में एक दिन में सबसे ज्यादा 495 पगीटिव 1 और 9 अक्टूबर को सामने आए थे। नंबर के 20 दिनों में 2901 पॉजिटीव रोगी मिले और 47 मौतें हुईं। पिछले 3 दिनों में केवल 10 मौतें और 1060 नए मरीज मिले हैं। अब तक जिले में जहां 729 मरीजों की जान गई। वहाँ 37115 रोगियों में 33693 मरीज ठीक होकर घर लौटे। शुक्रवार रात को 4684 टेस्ट में से 4153 की रिपोर्ट निगेटिव आई। जिले में अभी तक 2693 सक्रिय मरीज हैं। अब तक 1 लाख 52 हजार 731 एपिड एंटीजन सैंपल लिए जा चुके हैं, जबकि 4 लाख 61 हजार 786 सैंपलों को जांचा जा चुका है।