राज ठाकरे को उत्तर भारतीयों का विरोध छोड़ने के लिए समझा रही है भाजपा!

मुंबई : भाजपा महाराष्ट्र में राज ठाकरे को उत्तर भारतीयों का विरोध छोड़ने के लिए समझा रही है। अगले वर्ष मुंबई महानगरपालिका (मनपा) के चुनाव में भाजपा राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को साथ लेकर शिवसेना और महाविकास अघाड़ी का सामना करना चाहती है।

शुक्रवार को महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल राज ठाकरे से मिलने उनके दादर स्थित निवास कृष्णाकुंज पहुंचे। वहां से निकलने के बाद पाटिल ने मनसे के साथ निकट भविष्य में चुनावी गठबंधन होने से इन्कार किया, लेकिन कहा कि राज ठाकरे उत्तर भारतीयों के विरोधी नहीं हैं।

भाजपा नेता के अनुसार, उन्होंने राज ठाकरे से कहा कि राज्य के लोग चाहते हैं कि वह नेतृत्व करें, लेकिन इसके लिए उन्हें उत्तर भारतीय समुदाय के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा। उनके मन में उत्तर भारतीयों के प्रति कोई गलत भावना नहीं है, लेकिन उन्हें यह साबित करना होगा।

दरअसल अगले वर्ष फरवरी में होने वाले मनपा चुनाव के लिए मनसे और भाजपा के नजदीक आने की चर्चा काफी दिनों से चल रही है। इस गठबंधन में भाजपा के सामने बड़ा रोड़ा राज ठाकरे की उत्तर भारतीय विरोधी छवि है। भाजपा इन दिनों कृपाशंकर सिंह समेत कई अन्य उत्तर भारतीय नेताओं को शामिल कर हिंदीभाषी समुदाय में अपना जनाधार मजबूत करने में जुटी है।

ऐसे में राज ठाकरे की नजदीकी से उसे लेने के देने पड़ सकते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि राज ठाकरे और भाजपा के साथ आने से मुंबई मनपा चुनाव में शिवसेना को बड़ा झटका दिया जा सकता है। मुंबई की मराठी मतदाता बहुल सीटों पर मनसे, शिवसेना के मतों में भारी सेंध लगा सकती है।

पिछले विधानसभा चुनाव में शिवसेना से लगभग दो गुनी सीटें जीतकर भी सत्ता से दूर रह गई भाजपा, शिवसेना के गढ़ पर चोट करना चाहती है। पिछले मनपा चुनाव में वह 82 सीटें पाकर भी शिवसेना से सिर्फ दो सीट पीछे रह गई थी। दूसरी ओर राज ठाकरे की पार्टी मनसे के सात सभासद आए थे, लेकिन चुनाव के कुछ ही दिन बाद उनमें से छह शिवसेना में शामिल हो गए थे। 

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