नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वार्षिक उच्चस्तरीय सत्र से इतर अपने वैश्विक समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और इस दौरान अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में भाग लेने के लिए सोमवार को न्यूयार्क पहुंचे जयशंकर ने अपने दिन की शुरुआत फ्रांस के यूरोप तथा विदेश मामलों के मंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन के साथ बैठक से की। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘दिन की शुरुआत हमारे सामरिक साझेदार फ्रांस के साथ हुई। विदेश मंत्री ज्यां यवेस ड्रियन के साथ अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत तथा अन्य समसामयिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
भारत और फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मजबूत भागीदार हैं।’ इसके बाद उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री अमीरअबदुल्लाहियान के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘ईरान के विदेश मंत्री एच. अमीरअबदुल्लाहियान से फिर से मिलकर अच्छा लगा।
द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर हमारी बातचीत जारी रही।’ जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मिस्त्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘मिस्त्र के विदेश मंत्री समेह शौकी से मिलकर अच्छा लगा। हमारे द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।
जीईआरडी मुद्दे और अफगानिस्तान पर चर्चा की।’ जयशंकर अपने आस्ट्रेलियाई समकक्ष मारिस पायने से भी मिले। उन्होंने कहा, ‘हमारे क्वाड पार्टनर आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिस पायने से मिला। उनके साथ हमारी पिछली बैठक की रणनीतिक बातचीत को आगे बढ़ाया।
हिंद-प्रशांत में हाल के घटनाक्रम पर चर्चा हुई।’ जयशंकर इस सप्ताह कई सदस्य देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे और जी-20 बैठक में भाग लेंगे, जिसमें अफगानिस्तान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वह जी-4 विदेश मंत्रियों की बैठक में सुरक्षा परिषद सुधार पर भी चर्चा करेंगे। मंगलवार को यूएनजीए की बैठक से इतर उनका करीब 15 द्विपक्षीय बैठकों में शामिल होने का कार्यक्रम था।