राजौरी : जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि कश्मीरी युवाओं के शिक्षा या पर्यटक वीजा पर पाकिस्तान जाने और आतंकी संगठनों में शामिल होने के मामले सामने आने के बाद पाकिस्तान के लिए पर्यटक, शिक्षा वीजा के नियमों को सख्त बना दिया गया, लेकिन इसे और सख्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में कश्मीर से 57 युवक पर्यटक और शिक्षा वीजा पर पाकिस्तान चले गए और आतंकी संगठनों में शामिल हो गए।
इनमें से 17 आतंकी मारे जा चुके हैं, जबकि 13 अभी भी सक्रिय हैं, जिनकी पहचान हो गई है। शेष युवक अभी गुलाम कश्मीर में हैं। मंगलवार को राजौरी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीजीपी ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार स्थित लांचिंग पैड पर अभी भी 250 से 300 आतंकी मौजूद हैं, जो घुसपैठ की कोशिश में हैं।
सीमावर्ती जिला राजौरी के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि भारत और पाकिस्तानी की सेना के बीच 26 फरवरी के संघर्ष विराम समझौते के बाद, शांति की स्थिति बनी हुई है, लेकिन आतंकवाद के मोर्चे पर प्रारंभिक चुप्पी के बाद, घुसपैठ के प्रयासों में अचानक तेजी आई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में राजौरी में एलओसी से घुसपैठ के चार प्रयासों के बारे में जानकारी है। इनमें से घुसपैठ करने वाले एक समूह को सुंदरबनी के दादल में, दूसरे को नौशहरा में और तीसरे समूह को चार रोज पहले थन्ना मंडी भंगाई में मार चुके हैं।
डीजीपी ने कहा कि एक अन्य समूह राजौरी में मौजूद हो सकता है, जिनकी तलाश में सुरक्षाबलों के जवान लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में बांडीपोरा में एक नए घुसपैठ वाले समूह को घेरा गया था, जिसे समाप्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि करीब चौदह और आतंकी घुसपैठ के लिए केली लांचिंग पैड पर तैयार हैं। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि शिक्षा व पर्यटन के वीजा पर कश्मीरी युवक पाकिस्तान जाते हैं, लेकिन वहां से वो बंदूक लेकर लौटते हैं।
इससे साबित होता है कि पाकिस्तान में कलम की जगह बंदूक को तरजीह दी हाती है। आतंकवादी गतिविधियों के लिए ड्रोन के उपयोग के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल अब सीधे आतंकी गतिविधियों में किया जा रहा है। ड्रोन के माध्यम से हथियारों और गोला-बारूद, आइईडी, ड्रग्स सहित अन्य विस्फोटक सामग्री सीमापार से भारतीय सीमाओं में गिराई जा रही हैं। उन्होंने स्वीकार की कि ड्रोन एक बड़ी सुरक्षा चुनौती है, लेकिन सुरक्षा बलों के जवान दुश्मनों के मंसूबों कामयाब नहीं होने देंगे। इसके मद्देनजर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।