271 साल पुरानी परंपरा के तहत मनाई जाएगी गोपाष्टमी
प्रिया संग ग्वाल वालों के साथ बिहारी निवास पहुंचेंगे ठाकुर जी
दतिया.तीज-त्यौहारों के महीने कार्तिक मास में सुख-समृद्धि की देवी महालक्षमी के पूजन के पांच दिनी पर्व दीपावली के बाद अब पुनः नगर में उत्साह का माहौल नजर आएगा। आज रविवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर जहां गोपाष्टमी पर्व मनाया जाएगा । वहीं तीन दिन बाद यानि 25 नबंवर को पांच माह की लंबी निद्रा के बाद श्रीहरि विष्णु देव उठनी ग्यारस पर जागेंगे। इस दिन शहर में अनेक स्थानों पर तुलसी विवाह के आयोजन भी होंगे। जगह-जगह शादियों की शहनाई बजना शुरू हो जाएंगी।
ज्योर्तिविद् पं. उमेश शर्मा के मुताबिक इस 30 दिनी महीने में दीपावली के बाद यह नौ दिन बेहद खास होंगे। देवों के जागने के साथ ही इस महीने में मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी होगी। शादी-विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि हो सकेंगे। पंडित उमेश शर्मा ने बताया कि वर्ष के 12 महीने में कार्तिक मास धन, यश, उत्तम स्वास्थ्य देने वाला महीना है। धर्मों ग्रंथों के अनुसार इसी महीने में शिव के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए इसका नाम कार्तिक पड़ा, जो विजय देने वाला है।
आज गोपाष्टमी पर गौ चरावन पर निकलेंगे ठाकुर जी
ठाकुर श्री बिहारी जी मंदिर में गोपाष्टमी महोत्सव आज 22 नबम्बर रविवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन ठाकुर जी शहर का भ्रमण करते हुए गौ चरावन के लिए निकलेंगे । सजे धजे रथ पर प्रिया संग ग्वालवालों व गायों के साथ सवार होकर श्री बिहारी जी मंदिर प्रांगण से तिगैलिया, टाउनहॉल, किला चौक, ठंडी सड़क होते हुए बड़े अस्पताल के पास स्थित बिहारी निवास पहुचेंगे। वहां बिहारी जी की महाआरती की जाएगी। इसके उपरांत ठाकुर जी चूनगर फाटक, नजयाई बाजार, क़िला चौक, दारुगर के पुलिया होते हुए वापिस मंदिर पहुचेंगे।
शहर में दिखेगा दिवाली जैसा माहौल

गोपाष्टमी के अवसर पर शहर में एक बार फिर दीवाली जैसा माहौल नजर आएगा । आकर्षक विद्युत सज्जा व आतिशबाजी के साथ भक्तों द्वारा जगह-जगह भगवान का स्वागत किया जाएगा। खासबात यह है कि भक्तों को सिर्फ इसी दिन भगवान की परिक्रमा का अवसर मिलता हैं। गौ चरावन के बाद भगवान को प्रिया संग मंदिर के चौक में सिंहासन पर विराजमान कराया जाता है। भक्तजन भगवान की परिक्रमा करते हैं। बता दें कि श्री बिहारी जी मंदिर में 271 साल से गोपाष्टमी पर्व मनाया जा रहा हैं। मंदिर के पुजारी नमन गोस्वामी ने कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए समस्त श्रद्धालुओं एवं भक्तजनों से इस कार्यक्रम में शारीरिक दूरी एवं मास्क के साथ आने की अपील की है।
इस माह यह रहेंगे प्रमुख तीज त्यौहार
▪️ 22 नवंबर गोपाष्टमी, कामधेनु जयंती।
▪️ 23 नवंबर आंवला नवमी, देवी कुष्मांडा जयंती।
▪️ 25 नवंबर देव उठनी एकादशी, तुलसी विवाह, चातुर्मास व्रत का समापन।
▪️ 30 नवंबर देव दिवाली, कार्तिक स्नान समाप्त, गुरु नानक जयंती, निम्बार्काचार्य जयंती।
सनकुआं पर भी मनेगी गोपाष्टमी, गाय और बछड़े की होगी पूजा
सेवढ़ा में भी सर्द हवाओं के बीच सूर्योदय के पहले स्नान कर गीले वस्त्र में मंदिरों के दर्शन करने वाली महिलाएं सनकुआं पर कार्तिक स्नान पर्व में हिस्सा ले रही है। शनिवार को 22 वां पर्व स्नान था। नगर के एक दर्जन से अधिक विद्वान पंडितों ने सेवढ़ा के अलावा आसपास के नगरों एवं ग्रामों से आई महिलाओं को कथा श्रवण कराई । आचार्य पद्म नारायण दीवोलिया ने छठ की कथा में कहाकि कार्तिक स्नान पर्व एक माह का है, लेकिन यह पूरे जीवन को बदल सकता है। लोगों को स्वयं पर्व करना चाहिए। अगर किसी परिस्थती वश वह स्नान नहीं कर पाते तो उनको अपने अर्थ के सहयोग से किसी साथी को यह ब्रत करवाना चाहिए। अंतिम दिन व्रत करने वाले व्यक्ति के हाथ पर ब्रत करवाने वाले व्यक्ति का हाथ रखने से दोनों को पुण्य लाभ मिलेगा ऐसा कथा में उल्लेखित है। कार्तिक ब्रत के दौरान आज रविवार को गोपाष्टमी के अवसर पर सनकुआं पर गाय एवं बछड़े की पूजा का आयोजन होगा