रांची : मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज का दिन झारखंड के लिए ऐतिहासिक दिन है। आज हम अपने नई पीढ़ी को शिक्षा की दिशा में नई राह दिखाने जा रहे हैं। आज ब्रिटिश हाई कमिशन नई दिल्ली के फॉरेन एंड कॉमनवेल्थ डेवलपमेंट ऑफिस (FCDO) और झारखंड सरकार के बीच ऐतिहासिक एमओयू हुआ है। इस शुभ अवसर पर मैं ब्रिटिश हाई कमिशन टू इंडिया, श्री एलेक्स एलिस एवं उनकी टीम को हार्दिक बधाई और धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े बुजुर्गों ने एक कहावत कही है “शिक्षा वह मां का दूध है जो बच्चा जितना पिएगा वह उतना दहाड़ेगा“।
झारखंड देश का पहला राज्य है जो शिक्षा के स्तर को अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर प्रयासरत है। यहां के युवा छात्र–छात्राएं बेहतर शिक्षा ग्रहण करें इस दिशा में हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत फर्स्ट फेज में सिर्फ ट्राईबल बच्चे ही उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु विदेश गए थे।
यह छात्रवृत्ति योजना उम्मीद से ज्यादा सफल होती दिखाई दे रही है। यह बात सही है कि नीयत सही हो तो ऊपर वाला ही साथ देता है। बहुत कम समय में केंद्र सरकार एवं यूके की सहमति प्राप्त हुई है। अब मरांग गोमके जयपाल सिंह छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ रहा है। अब ट्राइबल के साथ–साथ पिछड़े वर्ग के बच्चे, जो विदेश में शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं उन्हें भी हमारी सरकार उच्च शिक्षा के लिए इस छात्रवृत्ति योजना के तहत विदेश में पढ़ाई करने भेजेगी।
उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय के स्थित सभागार में आयोजित राज्य सरकार एवं विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली के बीच MoU तथा Chevening Marang Gomke Jaipal Singh Munda Overseas Scholarship 2023 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा कि देश और दुनिया में अलग पहचान : मुख्यमंत्री ने कहा कि यूके गवर्नमेंट के प्रतिष्ठित चिभनिंग स्कॉलरशिप के साथ अब देश और झारखंड की प्रतिष्ठित मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ओवरसीज स्कॉलरशिप योजना के साथ एमओयू के अंतर्गत हर साल युवाओं को विदेश में पढ़ने का मौका मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला अवसर है जब किसी स्टेट गवर्नमेंट ने यूके गवर्नमेंट के साथ ऐसा एमओयू किया हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से सौ साल पहले झारखंड से एक ट्राइबल युवा जयपाल सिंह मुंडा जी को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने का अवसर मिला था उन्होंने पढ़ने के साथ–साथ हॉकी में ऑक्सफोर्ड ब्लूज टीम की कप्तानी भी की।
उनकी नेतृत्व क्षमता को निखारने में इंग्लैंड में ही उन्हें उपयुक्त वातावरण मिला। यही कारण है आज लोग उन्हें मरांग गोमके के नाम से जानते हैं। राज्य, देश और दुनिया में जयपाल सिंह मुंडा की अलग पहचान रही है।
प्रत्येक क्षेत्र में झारखंड के युवा प्रतिभाशाली : मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारे देश की महान विभूतियों जैसे महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आदि ने इंग्लैंड से उच्च शिक्षा लेकर देश को मजबूत नींव और सही दिशा देने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। हमारे देश का सशक्त लोकतंत्र और उत्कृष्ट संविधान इन्ही महान विभूतियों की देन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की युवा बहुत मेहनती और प्रतिभावान होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा हो, खेल हो या कोई स्किल्ड जॉब, यहां के युवाओं ने हमेशा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। गरीबी युवाओं की प्रतिभा के आड़े न आए इसलिए पिछले वर्ष हमने मरांग गोमके स्कॉलरशिप योजना शुरू की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना ने युवाओं के सपनों को उड़ान देने में अभूतपूर्व काम किया है।
उसी का परिणाम है कि अब हम हर साल 6-7 नहीं बल्कि 20-25 युवाओं को विदेश पढ़ने के लिए भेजेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में वंचित समाज से आने वाले सभी वर्गों के युवाओं को भी जोड़ा गया है। विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जाने वाले हमारे युवा झारखंड के सिर्फ एस्कॉलर्स नहीं हैं यह हमारे यंग एंबेसडर्स भी हैं।
झारखंड के 8 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय मंडल खेलों में जीता मेडल : मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में झारखंड के सभी आठ खिलाड़ियों ने देश को पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य का कोई भी खिलाड़ी खाली हाथ नहीं लौटा सभी ने मेडल जीतने का काम कर दिखाया है।
हमारी सरकार युवाओं के इसी पोटेंशियल को नया आयाम देने का काम करते आयी है उनके सपनों का सम्मान करते आयी है। राज्य सरकार ने झारखंड के उभरते खिलाड़ियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के लिए नई खेल पॉलिसी बनाने का काम किया है। खेल पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों को आधुनिक संसाधनों से जोड़ने का काम किया गया है।