श्मशान से लगी हुई झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले निर्धन बच्चों के लिए शुरू हुई एक अनोखी पाठशाला जो बच्चे श्मशान में अर्थी के साथ फैके जाने वाले सिक्कों को बीनने में अपना दिन निकालते थे आज वो शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं !
टीम अब तक 500 से अधिक पौधे लगा चुकी है व बच्चो को पहाड़ा ,किताब,पेन,चित्रकला हेतु ड्रॉइंग बुक का वितरण, बैठने हेतु मेट,कपड़े का थैला आदि का वितरण किया गया। समाजसेवी मनीष जैन जी द्वारा पुरानी जर्जर बाउंड्री बॉल को पेंट कराकर पठन -पाठन की सामग्री पहाड़ा, दुनिया,दिनों , माह के नाम,ब्लेक बोर्ड आदि तैयार करवाया गया।
गौरतलब है कि प्रकृति प्रेमी महेश तिवारी के सँकल्प से आरंभ हुआ मुक्तिधाम आज 45 वे दिन में प्रवेश कर चुका हैं। युवा साथी लगातार हर दिन 2 से 3 घण्टे मुक्तिधाम की पाठशाला में दे रहे हैं। प्रकृति प्रेमी महेश तिवारी ने बेटियों की टीम का नाम लक्ष्मी बाई हैं और बेटों की टीम का नाम महाराणा प्रताप रखा हैं। नर्सरी से तीसरी तक के बच्चो की टीम का नाम सुभाष चन्द्र बोस के नाम पर है। जिस स्थान पर पढाई होती हैं वह हरित कक्ष जो पेड़ पौधों के बीच एक बगीचे में है उसका नाम वीर शिवाजी कक्ष हैं। एक टीम का एनसीसी की तर्ज पर एनजीएस नेशनल ग्रीन सोल्जर टीम का गठन किया हैं। जो पढ़ाई के साथ स्वच्छ्ता और हरियाली के लिये अनुशासित तरीके से काम करती हैं ये परेड,खेल कूंद,नृत्य जैसी शारीरिक गतिविधियों के लिए समर्पित हैं। लॉकडॉन के बाद जहाँ बच्चे पढ़ाई से बंचित हो चुके है सभी प्राथमिक स्कूल बंद हैं। सिर्फ ऑनलाइन पढाई जारी हैं जो कि एंड्रॉयड फोन से संभव हैं अब ऐसे में जिनका काम छूट गया हो उन्हें अपना गुजर बसर करने में काफी परेशानी हो वो महंगे मोबाइल और इंटरनेट की व्यवस्था कैसे करें परिणामस्वरूप पढाई में अवरुद्ध हुआ। जिस समस्या पर समाजसेवी प्रकृति प्रेमी महेश तिवारी व टीम का ध्यान गया फिर क्या था 2 बच्चो से कक्षा आरम्भ की और देखते ही देखते यह संख्या 100 पर पहुँच गई।
सभी बच्चे इस अनोखी पाठशाला को लेकर काफी उत्साहित हैं इसमे कुछ बच्चे तो पहली क्लास के बाद ही शिक्षा से वंचित हैं तो कुछ 5 वी के बाद नहीं पढ़ें लेकिन अब पेड़-पौधों के बीच लगने वाली इस अनोखी पाठशाला में पढाई नहीं रुकेगी। इंग्लिश शिक्षक प्रक्रति प्रेमी महेश तिवारी असिस्टेंट प्रोफेसर सागर के निजी महाविद्यालय में फार्मेसी और इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को कम्युनिकेशन पढ़ाते हैं।
टीम में प्रकृति प्रेमी महेश, आनंद ददरिया, शुभम कुर्मी, नीलेश जैन, सरदार करण, संरक्षक मनीष जैन, अमितोष, रितेश गोदरे, संजीव समैया, विकास शर्मा संतोष भाईपटेल , शुभांग जैन ,आशीष इंदुख्या जी, प्रदीप रेजा मकरोनिया, शैलेश,सौरभ जी,सुप्रिया,अमित,अंकुर, सुनील,राहुल आदि हैं।