सफलता मंत्र: सच्ची मेहनत और लगन से कोई भी सफल हो सकता है
सफलता मंत्र: सच्ची मेहनत और लगन से कोई भी सफल हो सकता है

सफलता का मंत्र: अपने लक्ष्य को पाने के लिए व्यक्ति को पैसे की नहीं बल्कि साहस और सच्चे इरादे की जरूरत होती है। मोदीनगर की रहने वाली नीता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। दरअसल, लॉकडाउन ने नीता के पति की नौकरी छीन ली। घर मे आर्थिक संकट गहरा गया, लेकिन नीता ने घर न बैठकर कुछ करने की ठानी। गाँव की ही बृजेश देवी से प्रेरित होकर बिजली बिल वसूली प्रोत्साहन योजना से जुड़कर बिजली बिल वसूली करने लगीं।

खुद के साथ आसपास के क्षेत्र की 30 से अधिक महिलाओं को जोड़ लिया। इसी का नतीजा रहा कि खुद का जीवन स्तर तो सुधरा ही, साथ ही 30 से अधिक महिलाओं का जीवन भी नीता ने संवार दिया।

मोदीनगर के गांव सीकरी खुर्द निवासी नीता गोस्वामी के पति दीपक गोस्वामी गाजियाबाद के एक शोरूम पर काम करते थे। लॉकडाउन के कारण नीता के पति दीपक की नौकरी चली गई। घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी। पति नौकरी जाने से असहाय हो गए तो बच्चे भी बदतर हालात में जीने को मजबूर हो गए।

पति और बच्चों की पीड़ा देख नीता ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि काम के लिए घर की दहलीज लांघी। गांव की ही बृजेश देवी से काम करने की हिम्मत मिली। नीता को विद्युत निगम की बिजली बिल वसूली प्रोत्साहन योजना की जानकारी हुई तो वह इससे जुड़ गई।

नीता ने अपने आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के बिल वसूलने शुरू कर दिए। शुरू में नीता को थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन धीरे – धीरे नीता के काम की गति तेज हो गई। नीता ने अपने साथ आसपास के इलाके की 30 से अधिक महिलाओं को लीं जोड़ा।

इन महिलाओं के सहयोग से नीता रोजाना 80 से 100 बिल तक वसूलने लगी। गाँव मे प्रधान के सहयोग से शिविर लगाकर बिजली बिल वसूली का कार्य किया जाने वाला लगा। रोजाना एक हजार से लेकर 1500 रुपये तक पूजा अर्चना शुरू हुई।

नीता की मेहनत से उसके घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो गई है। पति को भी नीता के प्रयास से दूसरी जगह नौकरी मिल गई। अब नीता और उनके पति दोनों मिलकर घर की स्थिति सुधारने में जुट गए हैं। नीता के साथ जुड़ी अन्य महिलाओं की भी आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई है। वह भी नीता के साथ काम करके अच्छे जीवन यापन कर रहे हैं।

सीख-
-नीता की कहानी से पहली सीख यह मिलती है कि समय कितना कठिन क्यों न हो आपकी मेहनत आपको सफलता की राह पर ले ही जाती है।
-अपने लक्ष्य को पाने के लिए व्यक्ति को पैसे की नहीं बल्कि साहस और सच्चे इरादे की जरूरत होती है।
-न भी काम मुश्किल नहीं होता है उसे करने के लिए आपको पूरी तरह से ईमादारी से मेहनत करने की जरूरत होती है।

 

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