सावन में पहली बार 21 किलो चांदी से बने झूले पर विराजेंगे रामलला, पंचमी से मंदिर में दिखेगी झूलन उत्सव की धूम

अयोध्या : रामलला के लिए चांदी का झूला तैयार हो गया है और सावन शुक्ल पंचमी यानी शुक्रवार (13 अगस्त) को वैकल्पिक गर्भगृह में उनका झूला पड़ेगा, जिस पर रामलला सहित चारों भाइयों का विग्रह स्थापित कर झुलाया जाएगा। रामलला का झूलनोत्सव सावन की पूर्णिमा यानी 22 अगस्त तक चलेगा।

हालांकि, रामलला को पहले से ही प्रत्येक वर्ष सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी से लेकर पूर्णिमा तक झूले पर झुलाया जाता रहा है, किंतु वह झूला लकड़ी का था। इस बार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के लिए चांदी का झूला तैयार कराया है।

इस बार ट्रस्ट ने रामलला के लिए 21 किलोग्राम वजनी चांदी का झूला तैयार कराया है। 493 वर्ष पूर्व भव्यता-दिव्यता का पर्याय राम मंदिर तोड़े जाने के बाद नौ नवंबर, 2019 को सुप्रीम फैसला आने के साथ रामलला के अच्छे दिन शुरू हो गए।

न केवल भव्य मंदिर निर्माण की प्रक्रिया निरंतर आगे बढ़ रही है, बल्कि रामलला के दरबार में वह सारे उत्सव होने लगे हैं, जो वैष्णव आस्था के शीर्ष केंद्र पर होने चाहिए तथा जिन उत्सवों से रामजन्मभूमि शताब्दियों तक वंचित रही है। इसी क्रम में शुक्रवार से रामलला को सावन की परंपरा के अनुरूप झूला झुलाने की तैयारी की गई है।

ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय पूरे उत्साह से झूले को रामलला को समर्पित करने की तैयारी में हैं। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास के अनुसार रामलला सहित चारों भाइयों के विग्रह को झूले पर स्थापित किए जाने से पूर्व विशेष पूजन किया जाएगा।

सनातन उपासना परंपरा और शास्त्रों के मर्मज्ञ जगद्गुरु रामानुजाचार्य डा. राघवाचार्य के अनुसार यह रामलला के गौरव की वापसी ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारतीयता के गौरव की प्रतिष्ठा का क्षण है, वह इसलिए कि आराध्य की प्रतिष्ठा के साथ समाज और देश की प्रतिष्ठा सुनिश्चित होती है। 

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