Datia news : दतिया। गांव में बाल विवाह कराए जाने की खबर किसी व्यक्ति ने दतिया में बने कंट्रोल रुम को दे दी। जिसके बाद पुलिस को लेकर टीम मौके पर पहुंच गई। जहां पूरे मामले की छानबीन की गई। इसके बाद दुल्हन नाबालिग निकली तो दूल्हा सहित दोनों परिवार वालों पर एफआईआर दर्ज करा दी गई।
नाबालिगों का विवाह कराए जाने के मामले में उनके परिवार वालों पर विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। विभिन्न दस्तावेजों के आधार पर जब वधू की आयु के बारे में जानकारी ली गई तो वह मात्र 13 वर्ष निकली। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
बुधवार को कंट्रोल रुम दतिया पर ग्राम स्वतंत्रपुरा थाना उनाव में नाबालिग किशोरी के विवाह की शिकायत किसी व्यक्ति से प्राप्त हुई। जिस पर परियोजना अधिकारी अनुराधा दुबे एवं सेक्टर पर्यवेक्षक नीलम यादव पुलिस टीम के साथ शिकायत की जांच करने संबधित ग्राम पहुंचे।
महिला बाल विकास विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर शिकायत के आधार पर किशोरी के स्वजन से दस्तावेज मांगे गए। जिस पर स्वजन द्वारा कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाए गए। यह कहकर टीम को गुमराह किया गया कि किशोरी पढ़ी लिखी नहीं है।
जिस पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी में दर्ज रिकार्ड एवं विद्यालय में प्रवेश पंजी का 13 वर्ष पुराना रिकार्ड खोजा गया। जिसमें पाया गया कि किशोरी की आयु 13 वर्ष 10 माह है। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा ग्राम से पंचनामा तैयार करवाया गया।

जांचकर्ता अधिकारी द्वारा शिकायत सही पाई जाने एवं नाबालिग किशोरी का विवाह करवाए जाने के अपराध में शामिल होने वाले नाते-रिश्तेदार के साथ वर के पिता एवं उनके नाते-रिश्तेदारों के खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार कर थाने में एफआईआर दर्ज करवाने की कार्रवाई हुई।
इसका प्रतिवेदन विभाग ने भोपाल भेज दिया है। जिसमें किशोर-किशोरी के पिता एवं रिश्तेदारों पर नाबालिगों का बाल विवाह कराने के अपराध में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा समझाया गया कि 13 वर्षीय किशोरी का विवाह होने से उसके जीवन पर कुपोषण, अधूरी शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे संकट आ सकते हैं।
बता दें कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह किए जाने पर विवाह कराने वाले माता-पिता, विवाह में शामिल होने वाले रिश्तेदारों आदि को दो वर्ष का कठोर कारावास अथवा एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों को सजाओं का प्रविधान है।