माता रतनगढ़ के लख्खी मेले में पहुंचे 15 लाख श्रद्धालु : इधर दर्शन करने आए दो सगे भाईयों में से एक की नदी में डूबने से गई जान

Datia News : दतिया। रतनगढ़ माता मंदिर पर लगने वाले लख्खी मेले में मंगलवार को 15 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। इस दौरान करीब 4500 लोगों के बंध भी काटे गए। बुधवार को भाईदोज होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद प्रशासन की ओर से जताई गई है। वहीं मंगलवार को ही रतनगढ़ दर्शन करने आए दो सगे भाईयों में से एक की नहाने के दौरान मौत हो गई। जबकि दूसरे को वहां तैनात मोटर वोट के कर्मचारियों ने सुरक्षित बचा लिया।

सोमवार से ही श्रद्धालुओं का रतनगढ़ माता एवं कुंअर बाबा के दर्शन करने के लिए पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जो मंगलवार की देर रात तक निरंतर जारी रहा। इस बीच मेले में आने वाले श्रद्धालुजन सर्पदंश से पीड़ित का बंध खुलवाने मां के दरबार में लगातार पहुंचते रहे। जहां नीम का झाेंका और जल मिलते ही पीड़ित के स्वस्थ होने का चमत्कार देख माता के जयकारों से परिसर गूंजता रहा।

वहीं कलेक्टर संदीप माकिन एवं पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा मंगलवार रात मेले में ही रुके। इस दौरान सुबह से ही उन्होंने व्यवस्थाओं का अधिकारियों के साथ लगातार जायजा लिया लेते रहे। जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने आठ प्वाइंट पर संभाग के विभिन्न जिलों से आए अधिकारियों के साथ पहुंचकर व्यवस्थाओं पर नजर बनाए रखी।

इस दौरान आने वाली परेशानियों का भी उनके द्वारा मौके पर निराकरण किया गया। मेले में अपर कलेक्टर एवं मेले के नोडल अधिकारी रुपेश उपाध्याय, एसडीएम सेवढ़ा प्रतिज्ञा शर्मा, जिला पंचायत एसीईओ धनंजय मिश्रा, तहसीलदार रंजीत कुशवाह आदि साथ रहे।

नदी में नहाने गए भाईयों में से एक की मौत : रतनगढ़ दर्शन करने आए दो भाईयों में से एक की नदी में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई। जबकि दूसरे को वहां तैनात मोटर वोट ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर सीपरी बाजार झांसी निवासी भारत अहिरवार पुत्र जीतू अहिरवार अपने 15 वर्षीय छोटे भाई नरेश के साथ रतनगढ़ माता के दर्शन करने आया था। इसी बीच जब वह नदी में नहा रहा था।

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तभी अचानक वह नदी में रेत खनन से बने गड्ढे में पहुंच गया। गड्ढे में पानी भरा होने के कारण वह भारत उसमें डूबने लगा। बड़े भाई को डूबता देख छोटे भाई नरेश ने वहां चिल्लाने शुरू कर दिया और खुद बचाने के उसने भी छलांग लगा दी। शोर शराबा सुन वहां तैनात जवान मोटर वोट लेकर दौड़े। उन्होंने किसी तरह नरेश और भारत को बाहर निकाला। लेकिन इस बीच भारत ने दमतोड़ दिया।

 

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