कृषि सुधार कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की अब तक चार बैठक हो चुकी है। 11 से अधिक राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के तकरीबन 20 किसान संगठनों के 50 से भी अधिक प्रतिनिधि अपना पक्ष रख चुके है।
कृषि सुधार कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की दिल्ली में हुई बैठक में देशभर के किसान संगठनों ने समिति के सामने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए जहां अपने विचार रखे वहीं महाराष्ट्र और मेघालय सहित अन्य प्रदेशों से आए किसान संगठनों ने व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रखा। समिति ने तय समय में सर्वोच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंपने का भरोसा दिलाया।
समिति की अब तक चार बैठक हो चुकी है। इस दौरान समिति के सामने आन्ध्र प्रदेश गुजरात, ओड़िसा, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना सहित 11 से अधिक राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के तकरीबन 20 किसान संगठनों के 50 से भी अधिक प्रतिनिधि अपना पक्ष रख चुके है।
इस बीच गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा की जांच कराने को लेकर दायर याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि सरकार इस मामले में जांच कर रही है। कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मामले की जांच के बाबत मीडिया में बयान भी दिया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिका कर्ताओं को सरकार को ज्ञापन देने की सलाह दी। वहीं दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में में शामिल होने वाले लोगों की सूचना साझा करने पर नकद ईनाम की घोषणा की है। दीप सिद्धू, जुगराज सिंह, गुरजोत सिंह, गुरजंत सिंह की सूचना देने के लिए एक लाख रुपये और का ईनाम देने की घोषणा की है।
जजबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह और इकबाल सिंह की सूचना देने के लिए 50 हजार रुपये
किसानों के मसले पर राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी चाहते हैं कि सड़कों पर लड़ाई हो। किसानों के कंधे पर सियायत की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है बीजेपी लगातार ये आरोप लगा रही है कि कृषि कानून को लेकर जो कुछ किसान संघठनों का आंदोलन हो रहा है उसे राहुल गान्धी और कांग्रेस उकसाने का काम कर रही है। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर राजनैतिक हमले कर हे रहे हैं।