नक्सल प्रभावित जिलों में 15 साल से बंद पड़े 260 स्कूल फिर से खुले, सीएम बघेल ने बटन दबाकर किया प्रवेश उत्सव का शुभारंभ

जशपुरनगर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विगत दिवस अपने निवास कार्यालय से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बटन दबाकर नक्सल प्रभावित चार जिलों सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में डेढ़ दशक से बंद पड़े 260 स्कूलों को फिर से शुरू किया।

इन स्कूलों में 11 हजार 13 बच्चों ने प्रवेश लिया है। शाला प्रवेश उत्सव के साथ ही प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसरों में 6 हजार 536 बालवाड़ियों को भी शुरू किया। शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, रश्मि सिंह, विधायक रामकुमार यादव और अध्यक्ष मछुआ बोर्ड एम.आर. निषाद, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव

राजेश सिंह राणा, संचालक लोक शिक्षण सुनील जैन, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा नरेन्द्र दुग्गा, अपर संचालक एससीईआरटी डॉ. योगेश शिवहरे सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, संबंधित स्कूल के शिक्षक और नवप्रवेशी बच्चे उपस्थित थे।  
मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ महतारी एवं स्वामी आत्मानंद के चित्र पर मार्ल्यापण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

उन्होंने इस अवसर पर नवप्रवेशी बच्चों को तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया। बच्चों को स्कूल बस्ता, पुस्तक और गणवेश का वितरण किया। उन्होंने बच्चों से कहा कि खूब मन लगाकर पढ़े और पढ़ने के साथ ही खेल-कूद में भी हिस्सा लें।

कार्यक्रम में महात्मा गांधी के आदर्शों पर आधारित स्कूलों में लगाए जाने वाले पोस्टर का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर पुनः खोले जा रहे स्कूलों के पालकों और बच्चों से ऑनलाइन सीधा संवाद किया।

 मुख्यमंत्री ने शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में सभी को नए शिक्षा सत्र की बधाई देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्षों के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई, लेकिन हमने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न हो, और उनका साल खराब न जाए।

उन्होंने कहा कि नए शिक्षा सत्र की शुरूआत हम बहुत सी उम्मीदों के साथ कर रहे हैं कि इस वर्ष नियमित शालाएं संचालित हो। साथ ही पिछले सत्र में पढ़ाई के हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सत्र से कुछ चयनित शालाओं में बालवाड़ी खोलने का निर्णय लिया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान हमने पढ़ाई तुंहर दुआर प्लेटफार्म उपलब्ध कराया था, जिसका अच्छा उपयोग शिक्षकों, पालकों और विद्यार्थियों ने किया।

उन्होंने उम्मीद जताई की नवाचार और नई प्रौद्योगिकी को अपनाने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सभी बच्चों, शिक्षकों एवं पालकों को नए शिक्षा सत्र की शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ से ही हम मिशन मोड में हैं। हम बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ-साथ मूलभूत सुविधा को दुरूस्त करने कृत संकल्पित हैं। शिक्षा सत्र के प्रारंभ में भी हमने लक्ष्य तय किया है कि सभी बच्चों को भाषाई ज्ञान, अंक ज्ञान के साथ-साथ पढ़ना-लिखना और बोलना आ जाए। समय-समय पर अपने स्तर पर उनके ज्ञान का आकलन भी करेंगे।

जशपुर जिले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में विधायक जशपुर विनय भगत एवं कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल की उपस्थिति में जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम का आयोजित हुआ। कार्यक्रम में नवप्रवेषित बच्चों को तिलक, पुष्पमाला पहनाकर एवं मिठाई खिलाकर उनका अभिनंदन किया गया।

साथ ही उन्हें निःशुल्क गणवेश एवं पाठ्य सामाग्री प्रदान किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल, वनमंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद, जनपद पंचायत अध्यक्ष कल्पना लकड़ा, नगर पंचायत

अध्यक्ष नरेशचंद्र साय, उपाध्यक्ष राजेश गुप्ता, सूरज चौरसिया सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी, जनप्रतिनिथि, गणमान्य नागरिक, स्कूली बच्चें एवं उनके पालक उपस्थित रहे।

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