बरेली : बरेली में शास्त्रीनगर के सर्राफ सुभाष चंद्र गंगवार से 40 लाख रुपये की ठगी के आरोपितों को शुक्रवार को पकड़कर पूछताछ हुई तो पता चला कि सरगना चंद्रपाल तस्करी कर नेपाल से सोना लाता था। इसे सैंपल के तौर पर दिखाकर सर्राफ को झांसे में लेता, फिर गिरोह नकदी ठग लेता था।
छह सहयोगियोंे के साथ तीन साल से वह उत्तराखंड व उप्र में ऐसी कई घटनाएं कर रहा था। सरगना चंद्रपाल वर्मा मेरठ के पल्लवनगर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर ठगी के 20 मुकदमे दर्ज हैं, जेल जा चुका है। पुलिस ने पूछताछ की तो उसने कहा कि पहले ठेकेदारी करता था।
उसके साथ सोना खरीद में ठगी हुई, जिसके बाद वह भी यही करने लगा। गिरोह में उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर के किच्छा निवासी रविंद्र सिंह का काम सर्राफ को झांसे लेना था। इसके बाद चंद्रपाल अपना नाम अनिल शर्मा बताकर होटलों में बैठकर सस्ते सोने की डील तय करता।
पिछले साल रविंद्र ने बहेड़ी निवासी सर्राफ को इसी तरह झांसे में लिया था। दो छोटी डील में सस्ता सोना मिला तो उन्होंने यह जानकारी परिचित शास्त्रीनगर निवासी सर्राफ सुभाष चंद्र गंगवार को दी थी। उसी के जरिये सुभाष की मुलाकात रविंद्र, फिर चंद्रपाल से हुई थी।
शुरुआत में उन्हें भी चार सौ ग्राम असली सोने की बिक्री की गई। भरोसे में लेने के बाद 30 जून को 40 लाख रुपये लेने के बाद जब सोना देने की बारी आई तो उसी के साथियों ने एटीएस बनकर छापेमारी कर नाटक किया। सुभाष के रुपये हड़प लिए गए थे।
सफारी से चलता था चंद्रपाल, शरीफ की कार में लगा है पुलिस का लोगो आरोपित शरीफ डिजायर से चलता, जिसमें पुलिस का लोगो लगा था जबकि चंद्रपाल सफारी कार से चलता था। यह गाड़ी मेरठ निवासी कोमल कुमार जैन के नाम से रजिस्टर्ड है, बीमा भी सितंबर, 2020 में समाप्त हो चुका है। जांच में जुटी एसओजी को अंदेशा है कि गाड़ी चोरी की है।