400 करोड़ की लागत से 9 एकड़ में होगा बस अड्डा का विस्‍तार, परिवहन विभाग को मुफ्त मिलेगी जमीन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने लगातार प्रयास किए, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण काफी प्रभाव भी पड़ा।

उप्र सरकार ने निर्णय लिया है कि पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण जिले वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज और आगरा के विकास प्राधिकरण के पास पर्यटन विकास के कार्य कराने का अधिकार होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक लोकभवन में हुई। इसमें प्रस्ताव रखा गया कि अभी पर्यटन संबंधी विकास कार्य या मरम्मत आदि के लिए प्राधिकरणों को कार्यदायी संस्था का सहयोग लेना होता है।

प्राधिकरणों के पास स्वयं यह अधिकार नहीं है। इस पर निर्णय लिया गया कि पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज और आगरा में विकास कार्य प्रभावित कतई नहीं होने चाहिए।

इसे देखते हुए नियमों में संशोधन करते हुए इन प्राधिकरणों को ही पर्यटन विकास संबंधी कामों के लिए कार्यदायी संस्था नामित किया जाए। इस पर कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी। तय हुआ है कि परियोजना के लिए सेंटेज का निर्धारण संबंधित विकास प्राधिकरण और पर्यटन विभाग आपसी सहमति से कर सकेंगे।

इस नियम के संबंध में भविष्य में किसी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर का बस अड्डा : अयोध्या स्थित बस अड्डे की क्षमता का विस्तार कर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की योजना है।

यह बस अड्डा निर्माणाधीन सांस्कृतिक मंच के पास है। कैबिनेट में प्रस्ताव रखा गया कि बस अड्डे के लिए संस्कृति विभाग की लगभग नौ एकड़ जमीन परिवहन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित कर दी जाए।

इससे धर्म नगरी की यातायात व्यवस्था मजबूत होगी। अयोध्या की कनेक्टिविटी वाराणसी, गोरखपुर, बलिया, आजमगढ़, बस्ती, लखनऊ और कानपुर से करने की योजना है। इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई।

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