मनरेगा में तीन वर्ष में बढ़ी महिला श्रमिकों की भागीदारी : वर्ष 2022-23 में अबतक 9 करोड़ मानव दिवस का सृजन

रांची   : मनरेगा में विगत तीन वर्ष में महिला श्रमिकों की संख्या के बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका सबसे अधिक लाभ एकल, परित्यक्त एवं निराश्रित महिलाओं को प्राप्त हो रहा है। 2019-2020 में महिला श्रमिकों का प्रतिशत 41.31 था, जबकि वर्ष 2020-21 में 42.56, 2021-22 में 45.58 एवं 2022-23 में अबतक 47.1 महिलाओं को प्रतिदिन कार्य का आवंटन किया गया है।

अबतक 9 करोड़ मानव दिवस का सृजन : ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में अबतक नौ करोड़ मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है। 2019-20 में यह संख्या सात करोड़  थी। वहीं संक्रमण काल में राज्य सरकार ने गांव के लोगों की आजीविका सुरक्षित रखने के लिए वर्ष 2020-21 में 1150 और वर्ष 2021-22 में 1105 लाख मानव दिवस सृजन किया ताकि, लोगों का जीवन और जीविका दोनों सुरक्षित रह सके।

कार्य पूर्ण करने में भी बढ़त : झारखण्ड मनरेगा के जरिये न सिर्फ, मानव दिवस में इजाफा हुआ है बल्कि, विगत तीन वर्ष में निर्माण कार्य को पूर्ण करने में भी बढ़त दर्ज की गई है। 2019-20 में 3,53,275 कार्य पूर्ण हुए थे जबकि, 2020-21 में 4,96,723, 2021-22 में 5,38,759 एवं 2022-23 में अबतक 5,27,368 निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

“मनरेगा में जीवन और जीविका दोनों को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रामीणों के अनुरूप कार्य का सृजन हो रहा है। महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है। सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक मानव दिवस का सृजन हो।” – राजेश्वरी बी, मनरेगा आयुक्त

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