दतिया । सहकारिता समितियों के कर्मचारी अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर दूसरे दिन सीतासागर गांगोटिया मंदिर पर गुरुवार को क़लम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहे। सहकारिता कर्मचारियों का कहना की उनकी जायज मांगों को सरकार को तुरंत मानना चाहिए। यदि शासन ने उनकी मांगें नहीं मानी तो यह आंदोलन धीरे-धीरे और भी तेज किया जाएगा।
दतिया जिले की समस्त सहकारिता समितियों में कार्यरत कर्मचारी ने अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें तथा सभी सहकारी संस्था पूर्ण रुप से बंद रहेंगी। कर्मचारियों ने कहा है कि इस कलम बंद आंदोलन से आम नागरिक, शासन, प्रशासन के कार्य में बाधा आएगी, जिसका हमें अत्यधिक खेद है। उन्होंने कहा है कि सहकारी कर्मचारियों के इस आंदोलन संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी।
इस आंदोलन में मांग की गई है कि सहकारिता समितियों के कर्मचारियों का नियमितीकरण, पीडीएस कटौती, वेतन भत्ता, संस्थाओं के पिछले वर्ष का पीडीएफ भुगतान व सहकारी कर्मचारियों के जिन समिति कर्मचारियों पर एफआईआर की गई, उसे वापस ली जाए। इसके अलावा और विभिन्न मांगों को पूरा किया जाए। इन मांगों को लेकर सहकारिता समितियों के कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे है।
बता दें कि हाल ही गेहंू की सरकारी खरीदी को लेकर भी जिला प्रशासन को अनेक समितियों ने इंकार कर दिया है। उनका मानना है कि धान खरीदी के दौरान सहकारी कर्मचारियों को झूठा फंसाया गया है। सहकारी कर्मचारियों के इस आंदोलन में गोविंद मार्केटिंग समिति उपभोक्ता भंडार सहित समिति कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान प्रदेश महासचिव रामकुमार दांगी बाबूजी, सहकारिता समिति जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा, धर्मेंद्र सिंह बुंदेला, राहुल, हर किशोर शर्मा, किशन लाल पाल, नारायण सिंह रावत, प्रभाकर तिवारी, हरी गुप्ता सहित सभी सहकारी समितियों के सदस्य मौजूद रहे।