ग्लेशियर टूटने के बाद दुनिया भर के देश मदद के लिए आगे आएं, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान ने कहा मदद के लिए हैं तैयार

लंदन । प्रकृति के कहर के बाद उत्तराखंड में बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। वहीं कई देशों के प्रमुखों ने आपदा की इस घड़ी में भारत का साथ देने की बात कही है। उनमें से एक हैं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson)। जिन्होंने उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने (Glacier Burst in Uttarakhand) से आई आपदा को लेकर रविवार को भारत के साथ अपनी एकजुटता दिखाई। ग्लेशियर फटने से पूरा राज्य विकराल बाढ़ की चपेट में आ गया। आपदा में 14 लोगों की मौत हुई और 170 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जॉनसन ने कहा कि उत्तराखंड में आई बाढ़ के बाद ब्रिटेन भारत की हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।

ब्रिटेन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने ट्वीट में कहाकि ग्लेशियर फटने के बाद आई विकराल बाढ़ का सामना कर रहे भारत के लोगों और उत्तराखंड के बचाव कर्मियों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। संकट की इस घड़ी में ब्रिटेन भारत के साथ मजबूती से खड़ा है और किसी भी तरह की मदद करने के लिए तैयार है।

रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन-रैणी इलाके में ग्लेशियर के टूटने के बाद धौलीगंगा और अलकनंदा नंदी में विकराल बाढ़ आ गई। साथ ही ऋषिगंगा बिजली परियोजना और आसपास के घरों को भारी नुकसान पहुंचा था। इस घटना के बाद, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, भारत में जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी समेत दुनिया भर के कई दिग्गज नेताओं ने ग्लेशियर फटने की घटना से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।

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मैक्रों ने ट्वीट किया कि उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद फ्रांस पूरी तरह से भारत के साथ खड़ा है, जिसमें 100 से अधिक लोग लापता हो गए हैं। हमारी संवेदना उनके और उनके परिवारवालों के साथ है। इस आपदा के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहाकि करीब 125 लोगों के लापता होने का हमारा अनुमान है। यह संख्या अधिक भी हो सकती है।

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