दिल्ली । नोटबंदी के बाद शुरू किए गए 2 हजार रुपये के नोट प्रचलन में धीरे-धीरे कम होते नजर आ रहे हैं। सरकार ने भी पिछले दो साल से 2 हजार के नोट नहीं छापे हैं। ऐसे में जहां पांच सौ का नोट ज्यादा नजर आने लगा है, वहीं 2 हजार के नोट लेनदेन में कम दिखाई दे रहे हैं। एटीएम से भी ज्यादातर पांच सौ के नोट ही निकलते हैं। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं लगा है कि कहीं सरकार 2 हजार का नोट क्या बंद करना चाहती है।
सरकार ने लोकसभा में बताया है कि पिछले दो सालों में 2 हजार रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है, जबकि इसकी संख्या में कमी आ गई है। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को संसद को एक लिखित जवाब में बताया कि 30 मार्च 2018 को 2000 रुपये के 336.2 करोड़ नोट सर्कुलेशन में थे, जबकि 26 फरवरी 2021 को इसकी संख्या घटकर 249.9 करोड़ रह गई।
वित्त राज्यमंत्री ने जवाब में कहाकि किसी मूल्य के बैंक नोटों की छपाई का फैसला जनता की लेन-देन की मांग को पूरा करने के लिए आरबीआई की सलाह पर लिया जाता है। उन्होंने कहाकि 2019-20 और 2020-21 में 2000 रुपये के नोट की छपाई का ऑर्डर नहीं दिया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2019 में बताया था कि वित्त वर्ष 2016-17 (अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक) में 354.2991 करोड़ नोटों की छपाई की गई थी। हालांकि, 2017-18 में केवल 11.1507 करोड़ नोटों की छपाई की गई। 2018-19 में 4.669 करोड़ नोट छापे गए तो अप्रैल 2019 के बाद से एक भी नोट नहीं छापा गया है।
माना जा रहा है कि यह फैसला कालेधन पर रोक लगाने के लिए ऐसा किया गया है। नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किए जाने के बाद सरकार ने 500 रुपये के नए नोट और 2 हजार रुपये के नोट को जारी किए थे। 2000 रुपये के नोट के अलावा सरकार ने 10, 20, 50 और 100 रुपये के नए नोट जारी किए हैं।