दतिया में खुले संस्कृत महाविद्यालय, गृहमंत्री ने जताई मंशा, पीतांबरा पीठ सभागार में हुआ जनपद सम्मेलन
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भारत की मूल आत्मा है संस्कृत- कलेक्टर संजय कुमार

दतिया । संस्कृत भारती के तत्वावधान में आयोजित संस्कृत भाषा जन जागरण का एक दिवसीय जनपद सम्मेलन उल्लास पूर्वक संपन्न हुआ। श्री पीतांबरा पीठ के अन्नपूर्णा सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने वर्चुअल रूप से ऑनलाइन जुड़कर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहाकि संस्कृत विश्व की समृद्ध भाषा है एवं संस्कृत भाषा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार लाती है। उन्होंने दतिया में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय खुलवाने की मंशा जाहिर की। साथ ही उन्होंने दतिया वासियों से इस प्रयास में सहयोग करने की अपील की।

आयोजन में मुख्य वक्ता प्रमोद पंडित क्षेत्रीय संगठन मंत्री मप्र ने कहाकि संस्कृत विश्व की अनेक भाषाओं की जननी है। इसलिए हम सबके अंतःकरण में संस्कृत का संस्कार विद्यमान है। अतः संस्कृत हम सब समझ लेते हैं। समारोह की अध्यक्षता कर रहे दंदरौआ धाम के संस्थापक रामदास महाराज ने अपने आशीर्वचन स्वरूप संस्कृत भाषा को चार पुरुषार्थ में से एक मोक्ष से जोड़ते हुए संस्कृत को मोक्ष प्रदायिनी भाषा निरूपित किया।

सम्मेलन का शुभारंभ करते दंदरौआ सरकार रामदास महाराज

पीतांबरा पीठ ट्रस्ट के ट्रस्टी विशिष्ट अतिथि हरिराम सांवला ने अपने उद्बोधन में संस्कृत को सर्वग्राही बनाने पर बल दिया। कार्यक्रम 4 चरणों में संपन्न हुआ । प्रथम चरण उद्घाटन सत्र के पश्चात द्वितीय सत्र में संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता पर व्याख्यान माला संपन्न हुई। इस सत्र में मुख्य अतिथि डा.आर.के. नीखरा, विशिष्ट अतिथि के रूप में राघवेंद्र सिंह परिहार शामिल रहे।

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अध्यक्षता डा.आर.पी. गुप्ता ने की। तृतीय सत्र संस्कृत सत्र के रूप में संपन्न हुआ। मां सरस्वती की वंदना से उद्घाटन करते हुए सरस्वती शिशु मंदिर की छात्राओं द्वारा नृत्य नाटिका, महिषासुरमर्दिनी का अभूतपूर्व मंचन प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात् राजा रघु की दान प्रियता पर केंद्रित संस्कृत नाटक “गुरु दक्षिणा” का मंचन किया गया। अंतिम सत्र में संस्कृत भारती की पुस्तक “मध्यमा” का लोकार्पण मुख्य अतिथि कलेक्टर संजय कुमार द्वारा किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता जे.पी. भार्गव ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डा.राजेश गौर रहे।

सम्मेलन में मौजूद आमंित्रत जन

इस अवसर पर कलेक्टर संजय कुमार ने कहा कि संस्कृत भारत की मूल आत्मा है। कार्यक्रम का संस्कृत में संचालन कविता त्रिपाठी एवं लवलेश मिश्रा ने किया। जबकि हिन्दी में संचालन क्रमश: राजेश लिटौरिया एवं मनोज द्विवेदी ने किया। अतिथियों का स्वागत भाषण के माध्यम से संस्कृत भारती के जिला सचिव डा.हरेन्द्र कुमार भार्गव द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन संस्कृत भारती के जिला सम्पर्क प्रमुख अशोक श्रीवास्तव ने किया।

कार्यक्रम में संस्कृत भारती जिला अध्यक्ष अनिल तिवारी, ए.एम. सक्सेना, नगर अध्यक्ष ऋषिराज मिश्र, डा.हेमंत जैन, कृष्णप्रकाश अंगल, जी.एस. उदैनिया, ब्रह्मकुमारी दीपा बहन, कल्पना उदैनिया, गायत्री परिवार से शैलेंद्र यादव, रविप्रकाश मालौटिया, उमा नौगरैया, सहज योग से महेश श्रीवास्तव दीपक दुबे, रामजीशरण राय, रश्मि कटारे, एड. शैलेंद्र यादव, डॉ. राजू त्यागी, बलदेव राजू बल्लू, गीताराम पटसारिया, रिंकू सेन, बृजेश द्विवेदी, शैवाल पाठक, रितुराज सेन, विपुल नीखरा, अजय शंकर चतुर्वेदी रवीन्द्र परमार, केतन उपाध्याय, मदन मोहन शर्मा, वीरेन्द्र शर्मा, सुबोध शर्मा आदि मौजूद रहे। उक्त जानकारी आयोजन समिति के सचिव राजेश लिटौरिया द्वारा दी गई।

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