दिल्ली हाईकोर्ट ने री-एग्जाम वाली याचिका खारिज करते हुए कहा – हमारा हस्तक्षेप सही नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने री-एग्जाम वाली याचिका खारिज करते हुए कहा – हमारा हस्तक्षेप सही नहीं

दिल्ली.  कोरोना पॉजिटिव होने के कारण जेईई एडवांस परीक्षा न दे सके छात्र की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में कैंडिडेट ने मांग की थी कि उसे दोबारा परीक्षा का मौका दिया जाए।

22 सितंबर को कैंडिडेट कोरोना पॉजिटिव निकला था

याचिकाकर्ता कैंडिडेट की कोरोना रिपोर्ट 22 सितंबर को पॉजिटिव आई थी। जबकि देश भर में जेईई एडवांस परीक्षा 27 सितंबर को आयोजित हुई। कैंडिडेट ने कोर्ट में कहा कि, उसने आईआईटी दिल्ली के चेयरमैन और जयपुर में अपने परीक्षा केंद्र से आइसोलेशन रूम में परीक्षा का इंतजाम करने का अनुरोध किया था। लेकिन, कोई समाधान नहीं निकला। जबकि CLAT 2020 परीक्षा में इस तरह के इंतजाम हुए थे।

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कोर्ट ने कहा- हमारा हस्तक्षेप सही नहीं है

जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा – कोर्ट के लिए यह सही है कि एकेडमिक मामलों को उन एक्सपर्ट्स पर ही छोड़ दिया जाए, जो लंबे समय से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा- इस तरह की समस्याओं के बारे में आमतौर पर एकेडमिक एक्सपर्ट्स कोर्ट से ज्यादा जानते हैं। इसलिए हमारा हस्तक्षेप न करना ही बेहतर है।

जेईई एडवांस न दे पाए कैंडिडेट्स को अगले साल छूट मिलेगी

13 अक्टूबर को जॉइंट एडमिशन बोर्ड की बैठक में ये तय हुआ ता कि जेईई एडवांस का री-एग्जाम कमिटेड होगा। लेकिन, जो कैंडिडेट्स किन्हीं कारणों से जेईई एडवांस परीक्षा नहीं दे सके, उन्हें वर्ष 2021 में बिना जेईई मेंस दिए जेईई एडवांस में शामिल होने का मौका मिलेगा। इसके लिए कैंडिडेट का 2020 की जेईई एडवांस परीक्षा के लिए पंजीकरण होना अनिवार्य है।

 

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