भोपाल । कांग्रेस ने डीएपी समेत खाद की कीमतों में इजाफे को किसानों की कमर तोड़ने वाला कदम बताते हुए इस मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग की है। डीएपी खाद के एक बैग पर 700 रुपये की बढ़ोतरी को असंवेदनशील करार देते हुए पार्टी ने कहाकि कोरोना महामारी की आपदा के दौर में इस तरह का फैसला किसानों और मजदूरों की मुश्किलें बढ़ाएगा। सरकार पर निशाना साधने के साथ ही कांग्रेस इस बढ़ोतरी के खिलाफ अन्य विपक्षी दलों को एकजुट कर सरकार पर दबाव बनाने की कसरत में भी जुट गई है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहाकि खाद के 50 किलो के बैग की कीमत मोदी सरकार ने रातोंरात 1200 रुपये से बढ़ाकर 1900 रुपये प्रति बैग कर दी है। डीएपी के दाम में बीते 73 साल में एक साथ 700 रुपये का इजाफा कभी नहीं हुआ। इस इजाफे के कारण देश के किसानों पर 13000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। यूपीए सरकार के समय 2014 में एक बैग डीएपी की कीमत 1075 थी जो अब लगभग दोगुनी हो गई है।
एनपीकेएस के 50 किलो के बैग की कीमत 1175 रुपये से बढ़ाकर 1775 रुपये हो गई है। कांप्लैक्स फर्टिलाइजर के मूल्य भी 925 रुपए प्रति बैग से बढ़ाकर 1350 रुपये कर दिए गए हैं। पोटाश खाद की कीमतें भी लगभग दोगुनी हो गई हैं। सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि जब साढे़ छह वर्ष में निजी बीमा कंपनियों को सरकार फसल बीमा के नाम पर 26 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा करा सकती है तो किसानों को राहत क्यों नहीं दी जा सकती।
खाद के दामों में इजाफे को बड़ा मुद्दा बनाने के लिए कांग्रेस ने दूसरे विपक्षी दलों से संपर्क साध इसको लेकर संयुक्त रणनीति बनाने के प्रयास करने का भी संकेत दिया है ताकि कृषि कानूनों को लेकर पहले से ही चुनौती का सामना कर रही सरकार पर दाम घटाने का दबाव बनाया जा सके। खाद के दाम बढ़ाने के मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र सरकार को पूरी तरह घेरने के मूड में है। इसके लिए उसकी ओर से पूरी तैयारी की जा रही है।