नई दिल्ली । केंद्र सरकार का कहना है कि राज्यों के पास अभी भी 1.97 करोड़ वैक्सीन की डोज पड़ी हुई हैं। एकाध राज्यों को छोड़ दें तो कोई भी साफ तौर पर यह नहीं कह रहा है कि उनके पास वैक्सीन की कमी है। इसके बावजूद देश भर में वैक्सीन की रफ्तार दिनों दिन सुस्त पड़ती जा रही है। 18 मई को देश में सिर्फ 13.08 लाख डोज दी गई। अगले दिन यानी 19 मई को सिर्फ 11.59 लाख डोज ही दी जा सकीं। क्या राज्य सरकारें सुस्त हैं। वैक्सीन लेने वाले सुस्त पड़ रहे हैं या दो डोज के बीच बढ़े अंतर ने सुस्ती बढ़ा दी है।
यह सवाल लोगों की चिंता बढ़ा रहे हैं। दरअसल एक तरफ जहां वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं में जोश है। वहीं 45 से ऊपर आयु वर्ग में सुस्ती दिखी है। जबकि केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि दूसरी डोज वालों को प्राथमिकता दी जाए। आठ से 14 मई के बीच वैक्सीन की दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 66.86 लाख थी। जो 15-18 मई के चार दिनों में घट कर 10.99 लाख डोज रह गई है। सरकार का यह दावा तर्कपूर्ण दिखता है कि अगस्त से दिसंबर के बीच देश में तकरीबन सवा दो अरब वैक्सीन उपलब्ध होगी। जिससे पूरी आबादी को वैक्सीन लगाई जा सकेगी।
लेकिन अभी हकीकत यह है कि 10 अप्रैल, 2021 के बाद से वैक्सीन लगाने की रफ्तार बिगड़ी हुई है। हफ्ते के तीन-चार दिन 20 लाख या इससे कुछ ज्यादा वैक्सीन दी जाती हैं और फिर यह घट कर 15-16 लाख पर आ जाती है। 26 अप्रैल, 2021 को 31.95 लाख वैक्सीन दी जाती हैं। लेकिन हफ्ते भर बाद दो मई को यह 5.14 लाख हो जाती है। उतार-चढ़ाव का यह दौर लगातार जारी है। 11 मई को 24.36 लाख वैक्सीन दी जाती हैं। लेकिन 16 मई को यह 6.83 लाख हो जाती है। कंपनियों से पर्याप्त वैक्सीन की आपूर्ति नहीं होना एक बड़ा कारण है। लेकिन कई राज्य ऐसे हैं जो रिजर्व में रखीं वैक्सीन का भी इस्तेमाल नहीं कर पा रहे।
केंद्र सरकार का कहना है कि टीकाकरण को लेकर उसने पहली मई, 2021 से काफी उदार नीति लागू की है। राज्यों को सीधे तौर पर 50 फीसद वैक्सीन लेने का अधिकार दिया गया है। हर महीने की शुरुआत में ही वैक्सीन निर्माता कंपनियां उस महीने के कुल प्रोडक्शन का 50 फीसद वैक्सीन राज्यों के लिए आरक्षित कर देती हैं। मई, 2021 में वैक्सीन निर्माता कंपनियों की तरफ से राज्यों को आठ करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात हुई थी। मई के पहले 19 दिनों में देश में कुल 3.14 करोड़ वैक्सीन डोज दिए गए हैं। यानी 16.51 लाख की औसत। अगर राज्यों को शेष बची 4.86 करोड़ वैक्सीन मिल जाती हैं तो उन्हें अगले 12 दिन तक रोजाना 40-41 लाख वैक्सीन डोज देनी होगी। अभी तक की रफ्तार देखते हुए यह मुश्किल दिखता है।