लखनऊ : कोरोना से रिकवर हो रहे मरीजों में ब्लैक फंगस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ब्लैक फंगस को उत्तर प्रदेश में अधिसूचित बीमारी घोषित कर दिया गया है।ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार राज्यों को निर्देश दिए थे कि वह चाहें तो इसे महामारी घोषित कर सकते हैं। प्रदेश में अभी ब्लैक फंगस के 289 मरीज हैं। ऐसे में इसे कोरोना की तरह महामारी न घोषित कर महामारी अधिनियम 1897 के तहत अधिसूचित बीमारी घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस की दवा की कालाबाजारी करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. डीएस नेगी ने बताया कि ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित करने के बाद अब हर मरीज का ब्योरा शासन को देना अनिवार्य होगा।
प्रत्येक अस्पताल मरीजों की सूचना शासन को देंगे। दरअसल, कोरोना की तरह यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल रही। ऐसे में इसे अधिसूचित बीमारी घोषित किया गया है।
उधर, शुक्रवार को टीम 9 के साथ बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार प्रदेश में ब्लैक फंगस के सभी मरीजों के समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसकी दवा का भी पर्याप्त मात्रा में इंतजाम किया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि सभी जिलों में यह दवाएं उपलब्ध हों।
ओडिशा और मध्य प्रदेश में महामारी घोषित
ब्लैक फंगस को मध्य प्रदेश में महामारी घोषित कर दिया गया है। यह घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में इस बीमारी के उपचार की अच्छी से अच्छी व्यवस्था की जाएगी। ओडिशा सरकार ने भी ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। राज्य के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास ने गुरुवार की शाम को इसकी घोषणा की है।